गाड़ी में ये एक्सेसरीज़ लगवाने से हो सकता है भारी जुर्माना, जानिए क्या है नियम

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 03:21 PM (IST)

ऑटो डेस्क. किसी वाहन का मालिक बनना कई लोगों के लिए एक सपना पूरा होने जैसा होता है। लोग सालों तक इसकी प्लानिंग करते हैं और जब गाड़ी आती है तो वो सिर्फ खरीददारी नहीं, बल्कि एक जश्न बन जाता है। गाड़ी मिलते ही पहला काम होता है उसे एक्सेसरीज़ से सजाना। लेकिन ध्यान रखें अगर आपने अपनी गाड़ी में कुछ खास तरह की एक्सेसरीज़ लगवाईं, तो आपको भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है। कुछ मामूली से दिखने वाले बदलाव भी आपकी गाड़ी को कानून की नजर में 'अवैध रूप से मॉडिफाइड' बना सकते हैं। आइए जानते हैं किन एक्सेसरीज़ से आपको बचना चाहिए:

1. सन फिल्म्स, पर्दे और नेट्स- अब पूरी तरह गैरकानूनी

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पहले गाड़ियों में सबसे पहले जो एक्सेसरी लगाई जाती थी वो सन फिल्म्स थी। ये शीशों पर लगाई जाती थी और गर्मी से बचाती थी। साथ ही प्राइवेसी भी मिलती थी। लेकिन अब सरकार ने इन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।

हल्की टिंट भी हो तो चालान कट सकता है।

खिड़कियों पर पर्दे या नेट भी अवैध माने जा रहे हैं।

केवल फैक्ट्री टिंट वैध है।

उदाहरण: मारुति सुजुकी जिम्नी (Jimny) के Alpha वेरिएंट में फैक्ट्री टिंट होता है, लेकिन Zeta वेरिएंट में नहीं। ऐसे में अगर पुलिस पूछे तो उन्हें बताएं कि ये कंपनी की ओर से दिया गया है, बाहर से नहीं लगवाया।

2. एक्स्ट्रा लाइट्स: फॉग लैंप, लाइट बार, स्पॉट लाइट

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आजकल लोग अपनी गाड़ी की लाइट्स को अपग्रेड कर LED, फॉग लाइट या लाइट बार लगवा लेते हैं। हालांकि ये हाइवे पर या खराब मौसम में तो उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन शहर में चलाते समय इन्हें बंद रखना अनिवार्य है।

शहर में इन लाइट्स का इस्तेमाल करने पर पुलिस चालान कर सकती है।

नियम के अनुसार इन्हें ढककर रखना चाहिए, ताकि गलती से भी ना जलें।

3. ओवरसाइज़ व्हील्स: दिखने में दमदार, लेकिन हो सकता है मुसीबत का कारण लोग बड़े एलॉय व्हील और चौड़े टायर लगवाना पसंद करते हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा और कानून के नजरिए से यह ठीक नहीं है।

गाड़ी के स्टॉक साइज से 2 साइज ज्यादा टायर तक की इजाजत है।

व्हील्स गाड़ी के बॉडी से बाहर नहीं निकलने चाहिए।

ऐसे टायर रोड की मिट्टी और पत्थर उछालते हैं, जिससे दूसरों को खतरा हो सकता है।

4. रंग बदलना या रैप करवाना – सिर्फ अनुमति से ही करें

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गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कॉपी में जो रंग दर्ज है। वाहन का रंग भी वैसा ही होना चाहिए। आजकल लोग रैपिंग करवा रहे हैं, जो कई बार गाड़ी का रंग पूरी तरह बदल देती है। ये कानून के खिलाफ है।

आप चाहें तो उसी रंग के दूसरे शेड्स जैसे मैट व्हाइट आदि करा सकते हैं।

अगर रंग पूरी तरह बदलना है, तो आरटीओ से अनुमति लेकर ही करें।

रंग बदलने के बाद वाहन की निरीक्षण प्रक्रिया पूरी करनी होगी और नई आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) जारी होगी।

डेकल्स (स्टीकर आदि) की अनुमति है, जब तक वे असली रंग को ढक ना दें।

5. कस्टम नंबर प्लेट – अब सिर्फ HSRP वैध है

पहले लोग अपनी मर्जी के फॉन्ट, डिज़ाइन और आकार की नंबर प्लेट लगवाते थे। लेकिन अब ऐसा करना गैरकानूनी है।

सभी नई गाड़ियों में अब HSRP (High Security Registration Plate) अनिवार्य है।

2018 से पहले की गाड़ियों को छूट मिली है, लेकिन जल्द ही इनके लिए भी HSRP अनिवार्य होने वाला है।

HSRP को आप ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं।


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Content Editor

Parminder Kaur

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