सिंगापुर के हुक्के का 'मैजिक', इंजीनियर पहुंचा अस्पताल

Friday, Feb 23, 2018 - 02:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: युवाओं में हुक्का का चलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। यही शौक एक इंजीनियर पर काफी भारी पड़ गया। छाती में इंफैक्शन के चलते युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मुंबई के रहने वाले एक इंजीनियर को 2 हफ्ते पहले सांस लेने में परेशानी और छाती में इंफैक्शन होने लगी जिसके चलते उसे अस्पताल ले जाया गया जहां यह बात सामने आई कि हुक्का पीने के कारण युवक की यह हालत हुई। बता दें कि आईटी इंजीनियर ने हुक्के में 'मैजिक कोल' का इस्तेमाल किया था] यह वो केमिकल होता है जो कोय़ले की तेजी से जलने में मदद करता है।

डाक्टरों ने दी हुक्के से दूर रहने की सलाह
जेन अस्पताल के डा. अरविंद केट के अनुसार मरीज ने यह हुक्का सिंगापुर से खरीदा था जिसे वह लगातार इस्तेमाल कर र​हा था। दो महीने तक हुक्का पीने के बाद उसे श्वास लेने में दिक्कत आने लगी। डा. अरविंद ने बताया कि सीटी स्कैन के दौरान पता चला कि बैक्टीरिया की वजह से युवक के फेफड़ों और छाती में इंफैक्शन हो गया। उन्होंने बताया कि इंफैक्शन अधिक बढ़ने के कारण मरीज को 2 हफ्ते तक निरीक्षण में रखा गया। हाल ही में उसे अस्पताल से छुटटी दे दी गई है। डाक्टरों ने उसे हुक्के से दूर रहने की सलाह दी है।

सिगरेट से अधिक घातक हुक्का
बता दें कि लोगों में हुक्का पीने का शौक आज का नहीं है बल्कि यह तो राजओं और महाराजाओं के ज़माने से चला आ रहा है। बहुत से लोग मानते हैं कि हुक्‍का पीना सिगरेट पीने के मुकाबले बिल्‍कुल भी हानिकारक नहीं होता। लेकिन सच यह है कि हुक्के से निकलने वाला धुआं सिगरेट या बीड़ी के धुएं से अधिक घातक होता है। हुक्के में मौजूद तंबाकू में हानिकारक पदार्थ निकोटिन होता है, जो कि हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमारे शरीर को खतरा पहुंचाता है। यह हानिकारक पदार्थ हमारे हाथ पैरों की उंगलियों में कमजोरी या सिकुड़न पैदा कर देता है।

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