15 हजार की सैलरी पाने वाले मंत्री जी के नौकर के घर 30 करोड़ बरामद... ED भी हुई हैरान
punjabkesari.in Monday, May 06, 2024 - 11:18 AM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को झारखंड के एक मंत्री के सचिव के कथित घरेलू सहायक के परिसरों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद करने का दावा किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों द्वारा साझा किए गए 'वीडियो' में ईडी के अधिकारियों को एक कमरे में से नोटों की गड्डियों को ले जाते हुए देखा जा सकता है। जिस स्थान पर छापा मार गया, वह कथित तौर पर राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक से जुड़ा बताया जा रहा है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि कितनी राशि बरामद की गई है इसका पता लगाने के लिए नोटों की गिनती की जा रही है और यह राशि 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि बरामद की गई नकदी में मुख्यरूप से 500 रुपये के नोट हैं और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए हैं। आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह छापेमारी ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ एक धनशोधन के मामले से जुड़ी है।
वीरेंद्र राम को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में जारी एक बयान में आरोप लगाया था, "रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदा आवंटित करने के बदले में उनसे रिश्वत के नाम पर अवैध कमाई की थी।" एजेंसी ने अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। बयान में कहा गया है, "इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 'आलीशान' जीवनशैली जीने के लिए किया जाता था।" राम के खिलाफ धन शोधन का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को जानकारी मिली थी कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार चल रहा था। उसके बाद मंत्री के निजी सचिव के नौकर के यहां छापेमारी की गई। जब ईडी के अधिकारी वहां पहुंचे तो उन्हें नोटों का पहाड़ बरामद किया ED बी हैरान ती कि जिस शख्स को सैलरी के रूप में 15 हजार रुपये मिलते हों, उसके घर से इतना कैश बरामद होगा, हालांकि अब अधिकारियों ने नोट गिनने वाली मशीन और कर्मचारियों को बुलाया है।
इस मामले में विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बिहार और दिल्ली के साथ-साथ रांची, जमशेदपुर और झारखंड के अन्य स्थानों पर कई तलाशी शुरू करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
This mini mountain of cash is recovered from the servant of the personal secretary to Alamgir Alam (rural development minister of Jharkhand)
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) May 6, 2024
Jharkhand is poor but INDI alliance gang is sleeping on golden beds... pic.twitter.com/TOdtlF9uIV
2019 में वीरेंद्र के राम के एक मातहत के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. बाद में, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम के तहत मामले को अपने हाथ में ले लिया।
इस बीच, भाजपा ने मांग की है कि आलमगीर आलम को तुरंत हिरासत में लिया जाए और नकदी बरामदगी को लेकर "सख्ती से पूछताछ" की जाए। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि ताजा नकदी बरामदगी से एक बार फिर साबित हो गया है कि कांग्रेस काले धन के कारोबार में उलझी हुई है।
"झारखंड सरकार के भ्रष्टाचार की अंतहीन कहानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अभी कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक सांसद के घर और कार्यालय से 300 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। उनके आवास से 10 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई थी।" (पूर्व) मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) के करीबी पंकज मिश्रा के सहयोगियों, अब मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घर से 25 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जानी चाहिए उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए, उनसे सख्ती से पूछताछ की जानी चाहिए और ईडी द्वारा इस पैसे के संबंध का पता लगाया जाना चाहिए।"