'आसान नहीं था बडगाम ऑप्रेशन, एक तरफ आतंकी तो दूसरी ओर लोग कर रहे थे पत्थरबाजी'

Wednesday, Mar 29, 2017 - 11:07 AM (IST)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों को बचाने के लिए गांव वालों ने सुरक्षा बलों पर जमकर पत्थर बरसाए। पत्थरबाजों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में तीन युवक मारे गए, जबकि 63 अन्य घायल हो गए। वहीं, आतंकवाद रोधी अभियान कश्मीर के बडगाम जिले में एक आतंकवादी को मार गिराए जाने के साथ खत्म हुआ।

एनकाउंटर पर महबूबा का बयान
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नागरिकों की मौत को बहुत ही दुखद बताया है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम की अपील की। मुफ़्ती ने युवाओं के आतंक से जुड़ने पर अफसोस जताया। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव को गलत ठहराया। साथ ही मुठभेड़ वाले इलाक़ों से बच्चों को दूर रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हिंसा से कुछ हासिल नहीं होता। बस कब्रिस्तान और श्मशान ही आबाद हुए हैं और कुछ नहीं हुआ। बहके आतंकियों को घरवाले समझाएं। विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटना घाटी में चिंताजनक स्थिति की झलक है।

अलवागवादियों ने बुलाया बंद
कश्मीर में अलगाववादियों ने तीन नागरिकों की मौत के खिलाफ आज आम हड़ताल बुलाई है और इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

हम दो तरफा लड़ाई लड़ रहे थे-  डीआईजी
यह पहली बार नहीं है जब आतंकी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव हुआ है। ऐसा पहले कई बार हुआ है जिसकी वजह से आतंकी भाग निकलने में भी सफल रहे हैं। सीआरपीएफ के डीआईजी डॉ संजय कुमार ने कहा कि ऑपरेशन बहुत मुश्किल था, हमें दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ रही थी। एक तरफ आतंकवादी थे तो दूसरी तरफ स्थानीय लोग जो पत्थरबाजी कर रहे थे। पत्थरबाज़ी में CRPF के 40 जवान घायल हुए हैं और पुलिस के भी 20 जवान घायल हुए हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद चदूरा क्षेत्र के दरबाग इलाके को तड़के घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।  मुठभेड़ जब चल रही थी तभी कई लोग वहां पहुंच गए और वे पथराव करने लगे। इस पर उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प होने लगी। सुरक्षा बलों के साथ झड़प में तीन नागरिकों की मौत हो गई। मारे गए नागरिकों में सभी युवा हैं और सबकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है। उनकी पहचान जाहिद डार, सादिक अहमद और इशफाक अहमद वानी के रूप में हुई है। उन्हें गोलियां लगी थीं। देर शाम मुठभेड़ खत्म हुई।

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