प्रदूषण संकट ने बनाया एलन मस्क को सबसे अमीर, भारतीय अमीरों की कुल संपत्ति से भी ज्यादा कमाई

Friday, Nov 27, 2020 - 12:15 PM (IST)

  • एलन का इलेक्ट्रिक कार का आइडिया बदल सकता है दुनिया की तस्वीर
  • वायु प्रदूषण में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा वाहनों से निकलने वाले धुंए का

कार बनाने वाली कंपनी टैस्ला के सीईओ एलन मस्क ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स को पछाड़ कर अमीरों की सूची में दूसरा स्थान हासिल किया। ओद्योगिक विकास को प्रदूषण का कारण माना जाता है और दुनिया के ज्यादातर अमीरों का प्रदूषण बढ़ाने में योगदान रहा है। वहीं मस्क के बारे में खास बात यह है कि दुनिया की बड़ी कार निर्माता कंपनी टेस्ला के प्रमुख होने के बावजूद उन्होंने यह पोजीशन प्रदूषण के खिलाफ काम करके हासिल की है। उनकी कंपनी टेस्ला इलेक्ट्रिंक कारों के निर्माण के लिए जानी जाती है। अगर मस्क का यह आइडिया और विस्तार पाता है, तो दुनिया गाड़ियों के कारण बढ़ रहे प्रदूषण से बड़ी हद तक निजात पा सकती है।

अकेली टेस्ला की मार्केट कैपिटल भारतीयों अमीरों की कुल मार्केट कैपिटल से ज्यादा

एलन मस्क संपत्ति की तुलना किसी भारतीय अमीर से नहीं की जा सकती। हैरानी की बात यह है कि भारत के बड़े अमीरों की कुल मार्केट कैपिटल मिला दिया जाए, तब भी यह टेस्ला की कुल मार्केट कैपिटल के बराबर नहीं पहुंचती। टेस्ला की मार्केट वेल्यू 36,91,30,250 लाख करोड़ रुपए है। जबकि भारत में अमीरों की सूची में शीर्ष पर माने जाने वले मुकेश अंबानी ग्रुप और अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की मार्केट मार्केट वेल्यू का कुल जोड़ 16,52,66,700 लाख करोड़ रुपए बनता है, जो टेस्ला की मार्केट वेल्यू से आधे से भी कम है।

भारतीय उद्यमियों की ज्यादातर कंपनियां करती हैं प्रदूषण उत्सर्जन

वातावरण संकट के नजरिए से भी मस्क और भारतीय उद्यमियों की कंपनियों की तुलना करें, तो टेसला का कारें बनाने का कंसेप्ट प्रदूषण को कम करने के विजन पर आधारित है। जबकि रिलायंस ग्रुप की लिस्टेड 3 कंपनियों— रिलायंस इफ्रा., रिलायंस पावर और रिलायंस इंडस्ट्री का संबंध् प्रदूषण उत्सर्जन से है। वहीं अंडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में अडानी पावर और अडानी गैस का संबंध प्रदूषण उत्सर्जन से कहा जा सकता है। हालांकि कंपनियां इसे कम करने की ओर अग्रसर हैं।

नेटवर्थ में वृद्धि की वजह भी टेस्ला

ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के मुताबिक मस्क की संपत्ति 128 बिलियन डॉलर (9.47 लाख करोड़ रुपए) है। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख बिल गेट्स को पीछे छोड़ा है। जबकि शीर्ष पर अमेजन के ओनर जेफ बेजोस हैं। बेजोस की नेटवर्थ 182 बिलियन डॉलर (13.47 लाख करोड़ रुपए) है। एलन मस्क की नेटवर्थ में इस साल 100 बिलियन डॉलर (7.40 लाख करोड़ रुपए) का इजाफा हुआ है। एलन की नेटवर्थ में वृद्धि की बड़ी वजह भी दरअसल उनकी कंपनी टेस्ला के शेयरों में भारी उछाल ही है।

बढ़ रहे प्रदूषण में टेस्ला का आइडिया नई उम्मीद

इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण प्रदूषण के संकट से जूझ रही है। इसमें गाड़ियों से निकलने वाले विषाक्त प्रदाथों का योगदान ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर के वायु प्रदूषण में 70 फीसदी हिस्सा गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण का है। वाहनों से निकलने वाला यह प्रदूषण भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों में स्मॉग का कारण भी बन रहा है। पिछले कुछ साल से दिल्ली समेत देश के कई अन्य शहरों में भी यह समस्या विकराल रूप में सामने आई है। ईपीए के अनुसार यूएसए में कार्बन मॉनोऑक्साइड प्रदूषण में 75 फीसदी हिस्सा गाड़ियों के कारण है। ईपीएफ (एन्वायरमेंट डिफेंस फंड) के अनुसार- यूएस में स्मॉग में एक तिहाई योगदान सड़कों पर चलने वले वाहनों से निकलने वाला धुंआ है। जानकार मानते हैं कि— पैट्रेल-डीजल से चलने वाले यह वाहन कार्बन मॉनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्सीडेस, हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन करते हैं। जो दुनिया के वातावरण के लिए संकट पैदा कर रहे हैं। ऐसे में टेस्ला का इलेक्ट्रिक कारों का कंसेप्ट पूरी दुनिया के लिए उम्मीद की किरण है।

वाहन प्रदूषण से निपटने को कई देश मस्क के कंसेप्ट पर कर रहे काम

वायु प्रदूषण के कारण प्राणियों का जीवन तक खतरे में पड़ रहा है। ऐसे कई अध्ययन हुए हैं, जिनसे यह साफ हुआ है कि हवा में फैल रहा यह प्रदूषण कई प्राणियों की नस्ल के लिए घातक साबित हो रहा है। मानव स्वास्थ्य के लिए भी यह नुकसानदायक है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों को भी अपनी नितियों में बड़े स्तर पर बदलाव करने पड़ रहे हैं। ऐसे में एलन मस्क का इलेक्ट्रोनिक कारों का कंसेप्ट दुनिया के कई देशों के लिए नई दिशा का काम कर रहा है। दुनिया के कई देश एलन के इस कंसेप्ट पर काम आगे बढ़ाने के लिए कदम उठा रहे हैं।

भारत में भी काम जारी

भारत भी बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। दिल्ली समेत कई शहर वायु प्रदूषण की चपेट में रहते हैं। ऐसे में सरकार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजनाओं पर काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। एलन मस्क भी भारत में इलेक्ट्रिक कारों के साथ कदम रखने के संकेत दे चुके हैं। इसके बाद गुजरात सरकार ने टेस्ला को अपने यहां प्लांट लगाने का न्योता दिया है। मस्क के संकेत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी प्लांट लगाने के लिए अपने यहां जमीन देने की पेशकश की है।

कोरोना महामारी में अमीरों की बढ़ी संपत्ति

यह बात हैरान करने वाली है कि कोरोना काल में जहां साधारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है, वहीं वहीं अमीर और भी अमीर हुए हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स इस बात की पुष्टी कर रही है। इंडेक्स के अनुसार— इस साल जनवरी से अब तक इस सूची में शामिल लोगों की नेटवर्थ में 23 फीसदी 1.3 ट्रिलियन (96.35 लाख करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई है.

N Navrahi

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