Assembly Electoins: चुनावी रैलियां रद्द, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मचेगा घमासान; भाजपा को इस बात का होगा फायदा

Saturday, Jan 08, 2022 - 08:12 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर) में सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। 14 जनवरी को नामांकन के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा और पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को शुरू होगा। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे। करीब 28 दिन चलने वाले लोकतंत्र के इस पर्व में पहली बार बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। राजनीतिक दल डिजिटल चुनाव प्रचार कर सकेंगे। डिजिटल प्रचार का फायदा भाजपा को अधिक मिल सकता है।

वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनाव आयोग के इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी को बहुत फायदा होगा। जानकार मानते हैं कि भाजपा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और उसका डिजिटल रैली करने का अनुभव पुराना है। इससे पहले भी वह पिछले चुनाव में इस प्रयोग को कर चुकी है। वो चाहे बंगाल का चुनाव हो या फिर बिहार का विधानसभा चुनाव। भाजपा ने कोविड काल में इन सभी जगह डिजिटल तरीके से जनता को संबोधित किया।

भाजपा की तैयारी
भाजपा ने डिजिटल रैली के लिए कमर कस ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता डिजिटल माध्यम से जनता को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं इससे पहले उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों  में जाकर भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल बनाने का प्रयास किया है। अब वह डिजिटली भाजपा को जिताने की अपील करते नजर आ सकते हैं।

कैसा रहा भाजपा का डिजिटल अनुभव
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार, पश्चिम बंगाल में जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे तब डिजिटल रैलियों पर जोर दिया और लोगों को जोड़ने का प्रयास किया। इसका असर सभी राजनीतिक दल बिहार विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं। बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा के खिलाफ एंटीइनकंबेंसी के बावजूद दोनों दल फिर से सरकार बनाने में कामयाब हुए। एक तरफ, कोरोना काल में जब सभी राजनीतिक दलों की तैयारी सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आ रही थी तब भाजपा हाईकमान समेत स्थानीय स्तर के नेता डिजिटल रैलियों के जरिए जनता के बीच अपनी बात रख रहे थे। नतीजन बिहार में भाजपा और जेडीयू की सत्ता वापसी हुई।

बता दें कि चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए जनसभाओं, साइकिल यात्रा, बाइक रैली, रोड शो, घर-घर प्रचार समेत कई पाबंदियां लगाई हैं। रात आठ बजे से सुबह बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी। चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा। सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी।

चुनाव आयोग ने कहा कि अभी 15 जनवरी तक ही इनपर रोक रहेगी। 15 जनवरी के बाद हालात देखकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। आयोग ने कहा कि हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा डिटिजल चुनाव प्रचार हो। सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और कोविड की स्थिति को देखते हुए मतदाता केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 

Yaspal

Advertising