इलेक्शन डॉयरी: मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते लागू किया सर्विस टैक्स
punjabkesari.in Wednesday, Apr 17, 2019 - 11:00 AM (IST)
इलेक्शन डेस्क(नरेश कुमार): देश में आज लगभग हर तरह की सेवा पर जी.एस.टी. लगता है और अधिकतर सेवाएं इसके दायरे में हैं, जी.एस.टी. लागू होने से पहले इस टैक्स का नाम सर्विस टैक्स था। यह टैक्स देश में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में लागू किया गया था। उस समय देश के वित्त मंत्री मनमोहन सिंह थे और उन्होंने फाइनैंस बिल में चैप्टर 5 जोड़ कर 1 जुलाई, 1994 को लागू किया था।
शुरूआती तौर में यह टैक्स टैलीफोन सेवा, बीमा सेवा, जीवन बीमा को छोड़ कर शेयर की ट्रेडिंग पर लगाया था और पहले साल में सरकार को इससे 407 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ था। साल 2012 में सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ाया गया और इसके दायरे में न आने वाली सेवाओं की नैगेटिव लिस्ट जारी की गई। इससे पहले सरकार ने कर के दायरे में आने वाली सेवाओं की सूची जारी की हुई थी।
इस नए परिवर्तन का असर यह हुआ कि 2016-17 में इस टैक्स के तहत 119 सेवाएं थीं और सर्विस टैक्स से सरकार की आमदन बढ़ कर 2.54 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई थी तथा यह कुल राजस्व का 14 फीसदी के करीब था। 1994 का यह बड़ा फैसला अब सरकार के लिए आय का एक बड़ा साधन बन चुका है और इस पैसे से देश के विकास में काफी योगदान मिल रहा है।