इलेक्शन डायरी: जब मुफ्ती की बेटी के बदले में छोड़े 5 आतंकी

Monday, Apr 29, 2019 - 05:46 AM (IST)

इलेक्शन डेस्क(नरेश कुमार): पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह को देश में ओ.बी.सी. रिजर्वेशन के कारण याद किया जाता है लेकिन अपने कार्यकाल में उन्होंने एक चूक की जिसका खमियाजा देश को लम्बी अवधि में भुगतना पड़ा। यह चूक उनकी सरकार के गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद को आतंकियों के चुंगल से छुड़वाने के बदले 5 आतंकियों को छोडऩे की थी। दरअसल 1989 में 23 साल की रूबिया सईद को आतंकियों ने अगवा कर लिया था। रूबिया को अगवा करने की वारदात मुफ्ती के शपथ ग्रहण के 6 दिन बाद ही हो गई थी। 

उन्होंने 2 दिसम्बर 1989 को शपथ ली और 8 दिसम्बर को उनकी बेटी अगवा कर ली गई। जिस समय मुफ्ती को अपनी बेटी के अगवा होने की सूचना मिली उस समय वह सुरक्षा को लेकर पहली मीटिंग कर रहे थे। बेटी के अगवा होने की सूचना मिलते ही वह भावुक हो उठे और उन्होंने सरकार पर अपनी बेटी को छुड़ाने का दबाव बनाया और प्रधानमंत्री कार्यालय में कैबिनेट को सूचित किया कि उन्हें किसी भी हाल में अपनी बेटी वापस चाहिए। उस समय जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की सरकार थी और फारूक अब्दुल्ला आतंकियों को छोडऩे के पक्ष में नहीं थे। 

लेकिन मुफ्ती के दबाव में वी.पी. सिंह ने आई.के. गुजराल, आरिफ मुहम्मद खान और एम.के. नारायणन का एक शिष्टमंडल श्रीनगर भेजा और फारूक अब्दुल्ला को आदेश दिया गया कि वह जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के आतंकियों को रिहा करें। फारूक अब्दुल्ला ने इससे इंकार किया तो उससे कहा गया कि ऐसा न करने पर उनकी सरकार को डिसमिस किया जा सकता है। इस तरीके से पूर्व गृहमंत्री की बेटी को आतंकियों की रिहाई के बदले में छुड़ाया गया।                                   
 
                  

Pardeep

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