SIR को लेकर Election Commission ने Supreme Court में दाखिल करवाया हलफनामा
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 11:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर अपना पक्ष रखा है। आयोग ने कहा है कि यह उसका विशेष अधिकार है कि वह कब और कैसे यह प्रक्रिया पूरी करे।
क्या है पूरा मामला?
वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की थी कि देश भर में सभी संसदीय, विधानसभा और स्थानीय चुनावों से पहले एक निश्चित समय में SIR कराया जाए। इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका खारिज करने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि अदालतें इस प्रक्रिया के लिए निर्देश नहीं दे सकतीं, क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।
चुनाव आयोग का पक्ष
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि वह मतदाता सूची की शुद्धता और अखंडता के प्रति पूरी तरह से जागरूक है। इसी को ध्यान में रखते हुए 24 जून 2025 को आयोग ने विभिन्न राज्यों में SIR कराने का फैसला किया। इसके तहत 5 जुलाई 2025 को बिहार को छोड़कर बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को SIR के लिए तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने यह भी बताया कि 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
आधार को भी मिली मान्यता
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार 'आधार' को भी मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए एक वैध दस्तावेज माना गया है। अब मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आधार, पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र जैसे 11 निर्धारित दस्तावेजों में से किसी एक को जमा किया जा सकता है।
बिहार में क्यों है विवाद?
बिहार में SIR की प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया का मकसद लोगों को उनके वोट देने के अधिकार से वंचित करना है। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि SIR का उद्देश्य मतदाता सूची से मृत, फर्जी और अवैध अप्रवासियों के नाम हटाकर इसे और स्वच्छ बनाना है।