8 साल बाद चुनाव आयोग ने फिर दिया EVM का Demo

Saturday, May 20, 2017 - 04:57 PM (IST)

नई दिल्ली: आठ साल बाद एक बार फिर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को लेकर उपजे विवाद के चलते आखिरकार चुनाव आयोग ने शनिवार को लाइव डेमो दिया। आयोग ने इस डेमो के आधार पर सभी को बताया कि ईवीएम और वीवीपैट मशीन से कैसे वोटिंग की जाती है। दिल्ली के विज्ञान भवन में ईवीएम-वीवीपीएटी पर ये दो घंटे तक ईवीएम से संबधित जानकारी दी गई। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि ईवीएम मशीने हैकिंग से सुरक्षित हैं। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है। केवल मीडिया के समक्ष इस डेमो को पेश किया गया है। 

ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है
 चुनाव आयोग ने आज दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।  मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर आज संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि ये मशीनें पूरी तरह से विश्वसनीय और भरोसे की है तथा इनका इस्तेमाल किसी के पक्ष में या खिलाफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा हमारी मशीनों में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और न ही उनके उपकरण बिना किसी की जानकारी में आए बदले जा सकते हैं।  उन्होंने कहा कि इन मशीनों को बनाते समय भी छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। इनका डॉटा किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता है। 

ईवीएम को प्रतिनिधियों के समक्ष ही सील किया जाता है 
जैदी ने कहा कि यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि आयोग विदेशों में निर्मित ईवीएम का इस्तेमाल कर रहा है। यह बात पूरी तरह आधारहीन है। आयोग सभी मशीनें सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक लिमिटेड तथा इलैक्ट्रोनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया से बनवाता है और इनका सॉफ्टवेयर भी यहीं बनता है।  मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान से पूर्व राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम की जांच होती है और मॉक मतदान कराया जाता है। मतदान पूरा होने पर ईवीएम को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष ही सील किया जाता है और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉग रूम में रखा जाता हैं।  उन्होंने कहा कि ईवीएम के संबंध में उनसे शिकायतें की गई हैं लेकिन इस बारे में कोई साक्ष्य नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वीवीपैट का इस्तेमाल अगले आम चुनाव से शुरू कर दिया जाएगा। इससे चुनाव में पारदर्शिता बढेगी। 
 

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