नगर निगम चुनाव : पहली बार ई.वी.एम. पर नाम के साथ छपेंगी प्रत्याशियों की तस्वीरें

Saturday, Dec 03, 2016 - 10:28 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ई.वी.एम.) पर नाम के साथ-साथ प्रत्याशियों की तस्वीरें भी छपेंगी। चुनाव आयोग के एक अधिकारी का कहना था कि बिहार में पाई गई खामियों को दूर कर इसे बेहतर ढंग से कलकत्ता के विधानसभा चुनावों में भी लागू किया गया। चंडीगढ़ में यह फीचर पहली बार लागू होगा। इसके लिए चुनाव आयोग से राज्य चुनाव आयोग को विशेष हिदायतें भी मिली हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने ई.वी.एम. पर छपने वाली तस्वीरों की विशिष्टताओं की एक सूची भी तैयार की है। 

 

इसके अनुसार उम्मीदवारों के नामांकन के समय में जिला निर्वाचन अधिकारी (डी.ई.ओ.) को प्रत्याशी ई.वी.एम. पर लगने वाली तस्वीरें भी जमा कराएंगे। उम्मीदवारों को किसी भी राजनीतिक वर्दी के बिना सामान्य कपड़ों के साथ खिची गई तस्वीर जमा करनी होती है। तस्वीर में उम्मीदवारों को पूरा चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। यह तस्वीर सीधे चेहरे की अभिव्यक्ति और खुली आंखों के साथ कैमरे को देखते हुए खिंची होनी चाहिए। धूप के चश्मे के साथ खिची तस्वीरें मान्य नहीं हैं। 

 

दिल्ली प्रिवैंशन ऑफ प्रॉपर्टी डिफेसमैंट एक्ट  का करना पड़ेगा पालन : 
इस बार नगर निगम चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को दिल्ली प्रिवैंशन ऑफ प्रॉपर्टी डिफेसमैंट एक्ट 2007 के नियमों का पालन करना पड़ेगा। इस एक्ट की प्रशासन की ओर से 17 सितम्बर 2015 को नोटिफिकेशन की जा चुकी है। इससे पूर्व चंडीगढ़ में वैस्ट बंगाल डिफेसमैंट एक्ट लागू था। इसकी जगह अब प्रत्याशियों को  दिल्ली प्रिवैंशन ऑफ प्रॉपर्टी ऑफ डिफेसमैंट एक्ट 2007 (दिल्ली में लागू एक्ट 2009) का पालन करना होगा। इस एक्ट के तहत प्राइवेट और पब्लिक प्रॉपर्टी, किसी भी इमारत झुग्गी, स्ट्रक्चर, दीवार, पेड़, बाड़, पोस्ट, पोल और किसी प्रकार के निर्माण को लिखकर, पेंटिंग, सजावट या विज्ञापन से कुरूप करता है तो उस पर दिल्ली की प्रिवैंशन ऑफ प्रॉपर्टी डिफेसमैंट एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। बदरंग करने वाले पर कम से कम 15 हजार रुपए जुर्माना और एक साल की सजा या फिर दोनों किए जाने का प्रावधान है। 

 

नोटा का बटन दबाने की भी सुविधा :
चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में इस बार लोगों को ई.वी.एम. मशीनों पर नोटा का बटन दबाने की भी सुविधा होगी। वर्ष 2013 में पहली देश में लागू किए गए इस फीचर को गत लोकसभा चुनावों में भी लागू किया गया था पर निगम चुनावों में इसे पहली बार लागू किया जायेगा। नोटा का बटन दबाने मतदान न करने वालों को विकल्प मिलता है व मतदान का प्रतिशत अवश्य बढ़ जाता है। इतना ही नहीं राजनीतिक दल भी अपने प्रत्याशियों को नोटा से बाहर रखने के लिए स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशियों का ही अधिकतर चयन करते हैं। इस बार प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का हिसाब रखने के लिए अगल से बैंक अकाऊंट भी खोलने पड़ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि नोटबंदी के बाद चुनाव खर्च को निगम चुनाव सीमित कर पाएंगे या राजनीतिक दल लोगों को लुभाने के लिए धनखर्च करने के नए आयाम तलाश लेते हैं। 

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