कश्मीर में ईद-उल-अजहा की रौनक

Friday, Sep 01, 2017 - 07:34 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर घाटी के श्रीनगर और अन्य शहरों-कस्बों में शुक्रवार को ईद-उल-अजहा (बकऱीद) की तैयारी को लेकर चारों तरफ रौनक दिखी और लोग काोरों पर खऱीदारी करते नकार आए। एक तरफ़ जहां क ुर्बानी के लिए बकरों की बिक्री हो रही है वहीं और होजरी दुकानों पर भी भारी भीड़ जुट रही है। श्रीनगर में फुटपाथ पर लगी दुकानों और बेकरी दुकानों से कई सडक़ों पर जाम जैसी स्थिति हो गई है। भीड़ इतनी है कि यातायात पुलिस ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। खरीदारों के लिए कीमतें मायने नहीं रख रही हैं और ऐसा मालूम पड़ रहा है कि विभिन्न नियामक प्राधिकारियों ने ईद के खरीदारों के उत्साह में खलल नहीं डालने का फैसला किया है, खासकर तब जब वे अपनी मनपसंद चीज के लिए दुकानदारों को मनचाही कीमतें देने को तैयार हैं।


उपभोक्ता मामले व सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारियों ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि बाज़ार में कीमतों पर नजर रखने वाली टीम कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निकली हैं लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण वे इसे सही तरीके से नहीं कर पाए हैं। अधिकांश बच्चे खिलौने और पटाखें खरीद रहे हैं। वे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिॉनिक चीजें खरीदने में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।


एक सरकारी कर्मचारी जहूर अहमद ने कहा कि मेरा बेटा फौजान स्पिनर नाम का इलेक्ट्रिक खिलौना खरीदना चाहता है। इसकी कीमत 500 से लेकर 10000 रुपये के बीच में होती है और अब यह उस पर है कि वह किस कीमत वाले को चुनता है। मैंने उसकी मांग पूरी करने के लिए अन्य खर्चो में कटौती करने का फैसला किया है।
श्रीनगर के लाल चौक और रेसिडेंसी रोड वाले इलाकों में बाजारों में बहुत ज्यादा भीड़ दिखाई दे रही है। श्रीनगर के व्यस्त बाजारों में गुरुवार शाम से ही ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है।

सीएम ने दी ईद की बधाई
इस बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उप मुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह, विपक्ष नैशनल कांफ्रैंस अध्यक्ष डॉ फारुक अब्दुल्ला व नैकां के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला सहित सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने लोगों को ईद-उल-अजहा की बधाई दी।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ईद-उल-अजहा के शुभ अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी है। इस अवसर पर अपने संदेश में, मुख्यमंत्री ने प्रार्थना की कि यह पर्व निस्वार्थ सेवा, धर्मनिरपेक्षता और हमारे बीच अन्य लोगों के बारे में देखभाल के मूल्यों को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि हजरत इब्राहिम (एएस) की सुन्नाह जो इन मूल्यों का प्रतीक है, वर्तमान समय में, पूरा विश्वघृणा, बीमारी और टकराव से घिो हुआ हैं और इसका अधिक का पालन किया जाना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ईद जैसे अवसरों से हमें उन लोगों की खुशी और कल्याण के बारे में सोचने के लिए आमंत्रित करना चाहिए, जो वहन नहीं कर सकतिे है या किसी एक कारण या अन्य वजह से अभागे हैं।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘इस दिन, हमें अनाथों, विधवाओं, निराधारों और अन्य किसी की भी आरे सहायता का हाथ बढ़ाना चाहिए। इसमें ही ईद-उल-अजहा मनाने की वास्तविक भावना है।’’हज्ज, जो इस त्यौहार के साथ मेल खाता है, को मानव समालोसी का सबसे अच्छा उदाहरण बताया।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वार्षिक हज हमें एक संदेश देता है कि ईश्वर के सामने धर्म और अच्छे कर्मों को छोडक़र जाति, पंथ, रंग या क्षेत्र की कोई भी बाधा नहीं है।मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह दिन राज्य के लोगों को एक अनन्त आनंद, शांति और खुशी लाएगा।

 

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