लाल सागर में ऑप्टिक केबल्स कटने से इंटरनेट में दिक्कत, भारत-पाकिस्तान समेत कई देशों में सेवाएं प्रभावित
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 04:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क : 7 सितंबर 2025 को लाल सागर में समुद्र के नीचे बिछीं महत्वपूर्ण केबलों के कटने से भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत एशिया और मध्य पूर्व के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुईं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना सऊदी अरब के जेद्दा के पास हुई, लेकिन इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस घटना ने हूती विद्रोहियों पर संदेह को और बढ़ा दिया है, जो गाजा में इजराइल-हमास युद्ध को लेकर इजराइल पर दबाव बनाने के लिए हमले कर रहे हैं। हालांकि, हूती विद्रोहियों ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया है।
इंटरनेट कनेक्टिविटी पर व्यापक असर
इंटरनेट पहुंच पर नजर रखने वाली संस्था नेटब्लॉक्स ने बताया कि लाल सागर में कई समुद्री केबलों के कटने से भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बाधित हुई है। नेटब्लॉक्स ने इस समस्या का कारण सऊदी अरब के जेद्दा के पास साउथ ईस्ट एशिया-मिडिल ईस्ट-वेस्टर्न यूरोप 4 (SMW4) और इंडिया-मिडिल ईस्ट-वेस्टर्न यूरोप (IMEWE) केबल सिस्टम में तकनीकी खराबी को बताया।
SMW4 केबल भारत की टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा संचालित है, जो टाटा समूह का हिस्सा है, जबकि IMEWE केबल का संचालन अल्काटेल-लूसेंट के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम करता है। दोनों कंपनियों ने इस घटना पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।
सऊदी अरब और यूएई में भी शिकायतें
सऊदी अरब ने अभी तक इस इंटरनेट व्यवधान को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है और वहां के अधिकारियों ने टिप्पणी के लिए कोई जवाब नहीं दिया। यूएई, जहां दुबई और अबू धाबी जैसे प्रमुख शहर हैं, वहां सरकारी टेलीकॉम कंपनियों Du और Etisalat के उपयोगकर्ताओं ने इंटरनेट की धीमी गति की शिकायत की। यूएई सरकार ने भी इस समस्या को तुरंत स्वीकार नहीं किया।
माइक्रोसॉफ्ट ने दी चेतावनी
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने स्टेटस पेज पर जानकारी दी कि लाल सागर में समुद्री केबलों के कटने के कारण मध्य पूर्व में इंटरनेट की गति धीमी हो सकती है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि जो इंटरनेट ट्रैफिक मध्य पूर्व से होकर नहीं गुजरता, वह इस घटना से प्रभावित नहीं है। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
हूती विद्रोहियों पर संदेह
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब यमन के हूती विद्रोही गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के मुद्दे पर इजराइल के खिलाफ हमले कर रहे हैं। 2024 की शुरुआत में यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त निर्वासित सरकार ने आरोप लगाया था कि हूती विद्रोही लाल सागर में समुद्री केबलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। उस समय भी कई केबल कटे थे, लेकिन हूती विद्रोहियों ने इसमें शामिल होने से इनकार किया था। रविवार सुबह, हूती समर्थित अल-मसीरा सैटेलाइट न्यूज चैनल ने स्वीकार किया कि केबल कटने की घटना हुई है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदारी नहीं ली।
हूती विद्रोहियों का इतिहास
नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक, हूती विद्रोहियों ने इजराइल-हमास युद्ध के दौरान मिसाइलों और ड्रोनों से 100 से अधिक जहाजों को निशाना बनाया। इस दौरान उन्होंने चार जहाज डुबोए और कम से कम आठ नाविकों की जान ली। हूती विद्रोहियों ने युद्ध में एक संक्षिप्त युद्धविराम के दौरान हमले रोके थे, लेकिन बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर उन पर हवाई हमलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद ट्रंप ने हूती विद्रोहियों के साथ युद्धविराम की घोषणा की थी। समुद्री केबलों के कटने का कारण जहाजों के लंगर या जानबूझकर किए गए हमले हो सकते हैं। इन केबलों की मरम्मत में हफ्तों लग सकते हैं, क्योंकि इसके लिए विशेष जहाजों को क्षतिग्रस्त केबल को ढूंढकर ठीक करना पड़ता है।