प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी बदले जाने से सरकार की नीयत पर शक: चिदंबरम

Thursday, Dec 10, 2015 - 03:33 PM (IST)

नर्इ दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का तबादला किए जाने से सरकार की नीयत पर शक हो रहा है और ऐसा लगता है कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। श्री चिदंबरम ने एक टेलीविजन चैनल से साक्षात्कार में कहा नेशनल हेरल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अदालत में घसीटे जाने के पीछे सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती। 
 
यह बात गौर करने लायक है कि इन नेताओं पर वित्तीय अनियमितता का आरेाप लगाया जा रहा है जबकि इन्हें किसी तरह का कोई वित्तीय लाभ नहीं मिला है। एक रुपया की भी कमाई नहीं हुई है। ऐसे में ऐसा झूठा आरोप लगाना बदले की कार्रवाई लगती है। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार यह कह रही है कि उसने बदले की भावना से कुछ नहीं किया है अगर ऐसा है तो फिर उसने एक ऐसे मामले को दोबारा क्यों खेाला जिसे प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व निदेशक बंद कर चुके थे। इससे सरकार की मंशा पर शक होना स्वाभाविक है। 
 
सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी को पेशी से छूट नहीं दिए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को त्रुटिपूर्ण बताते हुए श्री चिदंबरम ने कहा कि ‘‘मैं न्यायाधीश की नहीं बल्कि उनके फैसले पर टिप्पणी कर रहा हूं।" फिर भी न्यायालय के आदेश का हर हाल में पालन होगा और श्रीमती गांधी, राहुल गांधी और इस मामले में समन पाए अन्य सभी लोग 19 दिसंबर को अगली सुनवाई के दिन अदालत में अवश्य उपस्थित होंगे। 
 
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पारित कराने में कांग्रेस द्वारा अडंगा खड़ा किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका नेशनल हेरल्ड मामले पर पार्टी के विरोध से कुछ लेना देना नहीं है। कांग्रेस ने विधेयक में कुछ बदलाव का प्रस्ताव रखा है जिसपर अभी तक सरकार का जवाब नहीं आया है। विधेयक के त्रुटिपूर्ण प्रावधानों को जब तक नहीं हटाया जाएगा कांग्रेस इसे अपना समर्थन नहीं देगी।
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