बीएस-4 घोटाला : ED ने पूर्व तेदेपा विधायक की करोड़ों की संपत्ति जब्त की, अशोक लेलैंड भी जांच के घेरे में
Wednesday, Nov 30, 2022 - 06:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बीएस-4 वाहन घोटाले से जुड़े मामले में आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के पूर्व विधायक जे सी प्रभाकर रेड्डी और उनके सहयोगियों एवं कंपनियों की 22 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। संघीय एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वह मामले में प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड की भूमिका की भी जांच कर रही है। रेड्डी अभी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की तड़ीपत्री नगरपालिका के अध्यक्ष हैं। वह तेदेपा से विधायक के तौर पर तड़ीपत्री सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
ED has provisionally attached various movable/ immovable properties worth Rs 22.10 Crore held in the names of firms connected to Diwakar Road Lines & others, and family members of J C Prabhakar Reddy and Gopal Reddy under PMLA, in the case relating to the BS-IV vehicles scam: ED pic.twitter.com/DnAQ2f7vTs
— ANI (@ANI) November 30, 2022
अशोक लेलैंड के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच कंपनी के खिलाफ नहीं बल्कि ‘‘कबाड़ खरीदने वाले तीसरे पक्ष'' के विरुद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला 2020-21 की एक पुरानी जांच से जुड़ा लगता है।'' प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और जानकारियां प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी है जो साफ तौर पर दिखाती है कि हम किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं। अशोक लेलैंड उत्सर्जन के सभी मानकों का पालन करती है।''
बीएस-3 वाहनों को ‘‘धोखे से’’ बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया
ईडी के बयान के अनुसार, यह मामला उच्चतम न्यायालय के मार्च 2017 के एक फैसले से संबंधित है जिसके तहत शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि भारत में कोई भी वाहन निर्माता या डीलर एक अप्रैल 2017 से बीएस-4 उत्सर्जन नियमों का पालन न करने वाले किसी भी वाहन की बिक्री नहीं करेगा। इसी तारीख से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी गई थी। एजेंसी ने कहा कि रेड्डी के ‘‘नियंत्रण'' वाली जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके अशोक लीलैंड लिमिटेड से किफायती दाम पर बीएस-3 वाहन खरीदे और फर्जी बिल के जरिये इन्हें ‘‘धोखे से'' बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया।
अशोक लीलैंड की भूमिका की चल रही जांच
संघीय एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत कराया गया। ईडी ने कहा, ‘‘इन वाहनों को खरीदने/चलाने या बेचने से अर्जित आय 38.36 करोड़ रुपये पाई गई है।'' जे सी प्रभाकर रेड्डी, उनके परिवार के सदस्य, उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों जैसे कि दिवाकर रोड लाइंस और जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड तथा सी गोपाल रेड्डी और उनके परिवार की 6.31 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 15.79 करोड़ रुपये की 68 अचल संपत्तियां धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई हैं। चल संपत्ति में बैंक में जमा राशि, नकदी और आभूषण शामिल हैं। जब्त की गई संपत्ति का कुल मूल्य 22.10 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा, ‘‘इस पूरे घोटाले में अशोक लीलैंड की भूमिका समेत अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।''