प्रचार अभियान रोक लगाने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे: येचुरी
Wednesday, May 15, 2019 - 09:47 PM (IST)
नई दिल्लीः माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर निर्धारित समय से एक दिन पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने के चुनाव आयोग के फैसले को समझ से परे बताते हुए आयोग से पूछा है कि प्रचार पर रोक लगाने का समय राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों के बाद क्यों निर्धारित किया गया है।
येचुरी ने बुधवार को आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी। आयोग का यह फैसला समझ से परे है।
On the fears of violation cited in the letter issued by the EC, where is the redressal mechanism if there is accumulation of arms or any other violation? So far there has been no action by the EC. This silence by them is widely considered as benefitting the ruling parties. https://t.co/pV3lilzrhy
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 15, 2019
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एक दिन पहले प्रचार अभियान को रोकने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे है। आयोग से अव्वल तो यह अपेक्षित था कि भाजपा और टीएमसी के अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाती। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने पश्चिम बंगाल में हिंसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में आयोग से कई बार शिकायत की, लेकिन आयोग से इस पर कोई प्रति उत्तर नहीं मिला।''
If a ban is intended for 72 hours, why is it starting at 10pm tomorrow? Is it to allow the two rallies of the PM before that? https://t.co/wn6MqmmrhD
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 15, 2019
येचुरी ने प्रचार अभियान पर रोक लगाने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘अगर प्रचार को 72 घंटे पहले ही प्रतिबंधित करना था तो प्रतिबंध का समय कल (बृहस्पतिवार) सुबह दस बजे तय क्यों नहीं किया गया? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को आयोजित करने की छूट देने के लिये किया गया है?'' उल्लेखनीय है कि मोदी की 16 मई को पश्चिम बंगाल के दमदम और लक्ष्मीकांतपुर लोकसभा क्षेत्र में दो रैली प्रस्तावित हैं।