Earthquake: भारत के इस पड़ोसी देश में भूकंप का जोरदार झटका, सुबह-सुबह कांपी धरती
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 11:07 AM (IST)
नेशनल डेस्क। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) और आसपास के ज़िलों में गुरुवार सुबह भूकंप के झटके (Earthquake Tremors) महसूस किए गए। रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई। गनीमत यह रही कि इस कम तीव्रता वाले भूकंप से किसी बड़े नुकसान या किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
भूकंप की टाइमिंग और केंद्र
यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (European-Mediterranean Seismological Centre) के हवाले से न्यूज़ पोर्टल tbsnews.net ने बताया कि भूकंप लोकल टाइम के हिसाब से सुबह 6:14 बजे आया। इसका केंद्र नरसिंगडी (Narsingdi) में 30 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की कम गहराई को देखते हुए, ढाका और आसपास के ज़िलों के लोगों को हल्का झटका महसूस हुआ।
ढाका क्यों है बेहद संवेदनशील?
विशेषज्ञों के अनुसार बांग्लादेश भूकंप के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील है और ढाका दुनिया के सबसे जोखिम वाले शहरों में से एक है। बांग्लादेश तीन बड़ी टेक्टोनिक प्लेटों—इंडियन, म्यांमार और यूरेशियन प्लेटों—के जंक्शन पर स्थित है, जिससे यहाँ बड़े भूकंप का खतरा बना रहता है। ढाका को दुनिया के 20 सबसे ज़्यादा भूकंप के खतरे वाले शहरों में से एक माना जाता है। यहां बहुत घनी आबादी (Dense Population) है और राजधानी के पुराने हिस्सों में बहुत सारी कमज़ोर और टूटी-फूटी इमारतें हैं जो बड़े खतरे का कारण बन सकती हैं। इस इलाके में तेज़ भूकंपों का एक लंबा इतिहास रहा है। 1869 और 1930 के बीच 5 बड़े झटके आए थे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.0 से ज़्यादा थी।
इतिहास का सबसे विनाशकारी भूकंप (1897)
बांग्लादेश ने अतीत में विनाशकारी भूकंपों का सामना किया है:
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ग्रेट अर्थक्वेक (Great Earthquake): 12 जून 1897 की दोपहर भारत के असम क्षेत्र में 8 से ऊपर की तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र असम के खासी पर्वतों के पास था लेकिन उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा रहे बांग्लादेश में इसका प्रभाव सबसे ज़्यादा महसूस किया गया।
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तीव्रता और नुकसान: इस भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता लगभग 8.1 मानी जाती है। आज के समय में इसे ग्रेट अर्थक्वेक की श्रेणी में रखा जाता है। इस भूकंप की वजह से बांग्लादेश में कई स्थानों पर ज़मीन तक फट गई थी और सिलहट, मयमनसिंह, ढाका, और चिटगांव में हज़ारों मकान, पुल और सड़कें ढह गए थे।
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जनहानि: माना जाता है कि उस भूकंप की वजह से हज़ारों लोगों की जान गई थी और लाखों प्रभावित हुए थे।
