82% संभावना से महाभूकंप की दस्तक! जापानी बाबा वेंगा की भविष्याणी के बाद वैज्ञानिक बोले- अब कोई नहीं रोक सकता!
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 10:07 AM (IST)

टोक्यो: धरती के सबसे ज्यादा भूकंप-प्रवण देशों में से एक जापान एक बार फिर भीषण भूंकप की आशंका से जूझ रहा है। देश की भूकंप अनुसंधान समिति और सरकारी पैनलों की हालिया रिपोर्टों ने खतरे की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 30 वर्षों में जापान में रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आने की संभावना अब 82% तक पहुंच गई है, जो पहले 75% थी।
नानकाई ट्रफ बन रहा है विनाश का केंद्र
जापान के लिए खतरे की सबसे बड़ी वजह बना है नानकाई ट्रफ – एक सबडक्शन जोन, जहां फिलीपींस सी प्लेट धीरे-धीरे जापान की प्लेट के नीचे धंसती जा रही है। वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में सूक्ष्म भूकंपीय गतिविधियों और प्लेट्स की लगातार खिसकती गति को रिकॉर्ड किया है। ये हलचलें प्रति दिन कुछ मिलीमीटर की दर से जमीन में दरारें पैदा कर रही हैं, जो भविष्य में किसी भी समय एक विनाशकारी भूकंप को जन्म दे सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह भूकंप आया, तो 2011 की सुनामी से भी तीन गुना अधिक बड़ी लहरें उठ सकती हैं, जो देश के तटीय इलाकों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं।
रहस्यमयी भविष्यवाणी फिर बनी चर्चा का विषय
जापान में एक बार फिर भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी सुर्खियों में है, जिन्हें लोग 'जापानी बाबा वेंगा' के नाम से भी जानने लगे हैं। तात्सुकी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र तल में एक विशाल दरार बनेगी, जिससे एक बड़ा भूकंप और विनाशकारी सुनामी उत्पन्न होगी। हैरानी की बात यह है कि वैज्ञानिकों द्वारा रिकॉर्ड की जा रही हलचलें ठीक उसी क्षेत्र में हो रही हैं, जहां तात्सुकी ने चेतावनी दी थी। भले ही ये भविष्यवाणियां वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हैं, लेकिन लोगों में चिंता बढ़ गई है।
सरकार की तैयारी सीमित असरदार
जापान सरकार ने 2014 में एक राष्ट्रीय भूकंप सुरक्षा योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य आपदा के दौरान जान-माल की हानि को कम करना था। इस योजना के तहत तटबंध, निकासी भवन और अलर्ट सिस्टम जैसे उपाय किए गए। पहले इस योजना से मृत्यु दर में 80% तक कमी की उम्मीद थी, लेकिन ताजा रिपोर्टों के मुताबिक यह केवल 20% तक ही असरदार साबित हो रही है।
सरकार अब हाई रिस्क क्षेत्रों की नई रीमैपिंग और इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम को उन्नत करने में लगी है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर महाभूकंप आता है, तो उसके प्रभाव को पूरी तरह रोक पाना लगभग असंभव होगा।