ई सिगरेट, ई हुक्का हो सकते हैं बैन, युवाओं के बीच बन रहे हैं महामारी के कारण

Saturday, Mar 23, 2019 - 06:29 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के 24 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 1,000 से अधिक चिकित्सकों नेे ई सिगरेट, ई हुक्का पर प्रतिबंध को जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इन चिकित्सकों ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने युवाओं के बीच ई सिगरेट, ई हुक्का के महामारी बन कर फैलने से पहले इस पर रोक लगाने की महत्ती आवश्यकता पर बल दिया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले ये 1,061 डॉक्टर इस बात से चिंतित हैं कि व्यापार और उद्योग संगठन ई-सिगरेट के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं।

ई सिगरेट और ई हुक्का इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) का हिस्सा है। ई सिगरेट को ई सिग, वेप्स, ई हुक्का, वेप पेन भी कहा जाता है। कुछ ई सिगरेट नियमित सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे दिखते हैं। कुछ यूएसबी फ्लैश ड्राइव, पेन और अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की तरह दिखते हैं जो युवाओं को आकर्षित करने वाले होते है। इन चिकित्सकों ने इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय को देश के 30 संगठनों द्वारा लिखे गए एक पत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला है और इसलिए इसे खतरे में डालकर व्यावसायिक हितों की रक्षा नहीं की जानी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 संगठनों ने इंटरनेट पर ईएनडीएस के प्रचार पर प्रतिबंध न लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा था। 

उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त, 2018 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडल्यू) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ईएनडीएस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया था। इस साल मार्च में मंत्रालय द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें ईएनडीएस पर 251 शोध अध्ययनों का विश्लेषण किया गया था। पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि ईएनडीएस किसी भी अन्य तंबाकू उत्पाद जितना ही खराब है और निश्चित रूप से असुरक्षित है।

shukdev

Advertising