मनमोहन सरकार में क्रिश्चन मिशेल ने कराई थी राफेल डील में देरी! जांच में जुटी एजेंसियां
punjabkesari.in Monday, Mar 04, 2019 - 01:37 PM (IST)
नई दिल्ली: वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील घोटाले के बिचौलिए क्रिश्चन जेम्स मिशेल का नाम अब राफेल डील में भी सामने आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिस्चन मिशेल के चलते ही यूपीए-2 के शासन काल में राफेल डील में देरी हुई थी। प्रवर्तन एजेंसियां राफेल डील में मिशेल की भूमिका की जांच क सकती हैं। दरअसल वीवीआईपी चॉपर डील में कथित सफलता के बाद रक्षा क्षेत्र में मिशेल का रुतबा काफी बढ़ गया था इसलिए जांच एजेंसियों को संदेह है कि कहीं राफेल में भी तो मिशेल की कोई भूमिका तो नहीं थी। प्रवर्तन एजेंसियां इस बात की जांच करेंगी कि साल 2012 में मनमोहन सरकार के दौरान वॉरंटी और एचएएल द्वारा लाइसेंस के तहत विमानों के निर्माण के मुद्दे पर मतभेद के बाद राफेल डील को क्यों ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, क्या इसके पीछे का कारण मिशेल था।
जांच एजेंसियों को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे संकेत मिल रहे हैं कि मिशेल की यूरोफाइटर में दिलचस्पी काफी बढ़ गई थी। साल 2012 में राफेल डील को लेकर यूपीए सरकार में ज्यादा उतस्कुता नहीं थी। हालांकि राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ के साथ मनमोहन सरकार की बातचीत आगे बढ़ चुकी थी लेकिन अचानक ही कंपनी और सरकार के बीच मतभेद हो गए थे और यह डील बीच में ही अटक गई। यहां बता दें कि क्रिश्चन जेम्स मिशेल वीवीआईपी चॉपर डील में एक मुख्य आरोपी है। अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे में उस पर 200 करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप है। हाल ही में भारत सरकार उसे प्रवर्तन करा कर लाई है, वह इस समय तिहाड़ जेल में बंद है।