अब दुबई में बसना हुआ और भी आसान, गोल्डन वीजा अब सिर्फ लाखों में...
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 06:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दुबई में रहने और काम करने का सपना अब हकीकत के और करीब है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने गोल्डन वीजा प्रोग्राम में हाल ही में बड़ा बदलाव किया है। पहले यह वीजा हासिल करना केवल अरबों रुपये के निवेश के बाद संभव था, लेकिन अब नियमों में बदलाव के बाद भारतीय और बांग्लादेशी नागरिक इसे सिर्फ कुछ लाख रुपये में हासिल कर सकते हैं।
नया नियम – निवेश से नामांकन तक
यूएई सरकार ने गोल्डन वीजा को अब “नामांकन आधारित” बना दिया है। पहले वीजा पाने के लिए प्रॉपर्टी या व्यवसाय में कम से कम 20 लाख दिरहम (लगभग 4.66 करोड़ रुपये) का निवेश जरूरी था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत केवल नामांकन प्रक्रिया और आवश्यक जांच पूरी करने के बाद ही वीजा मिलेगा। अब आवेदनकर्ता भारतीय या बांग्लादेशी नागरिक सिर्फ 1 लाख दिरहम (करीब 23.3 लाख रुपये) देकर आजीवन यूएई में रहने का लाभ उठा सकते हैं।
पायलट प्रोजेक्ट और आवेदन प्रक्रिया
इस नई योजना को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। पहले चरण में भारत और बांग्लादेश के नागरिकों को शामिल किया गया है। आवेदन प्रक्रिया को मैनेज करने की जिम्मेदारी दुबई स्थित रयाद ग्रुप को दी गई है। कंपनी आवेदक का पूरा बैकग्राउंड चेक करती है, जिसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी समीक्षा शामिल है।
सबसे खास बात यह है कि आवेदनकर्ता को दुबई आने की जरूरत नहीं है। आवेदन रयाद ग्रुप के ऑनलाइन पोर्टल, कॉल सेंटर या उनके ऑफिस के जरिए ही किया जा सकता है। जांच पूरी होने के बाद आवेदन यूएई सरकार को भेजा जाता है, जो अंतिम निर्णय लेती है।
गोल्डन वीजा के लिए योग्य लोग
इस वीजा को पाने के लिए कुछ विशेष श्रेणियाँ तय की गई हैं। इनमें निवेशक, स्टार्टअप के मालिक, वैज्ञानिक, डॉक्टर, एथलीट, विशेष कौशल वाले कर्मचारी और उच्च शिक्षा प्राप्त छात्र शामिल हैं। इस वीजा का उद्देश्य केवल उन लोगों को देना है जो यूएई के व्यवसाय, बाजार या सांस्कृतिक क्षेत्र में योगदान दे सकते हैं।
गोल्डन वीजा के फायदे
गोल्डन वीजा धारक को कई विशेष सुविधाएँ मिलती हैं:
लोकल स्पॉन्सर की जरूरत नहीं, खुद का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।
परिवार को भी स्पॉन्सर करके यूएई लाया जा सकता है।
एजुकेशन, हेल्थकेयर और सरकारी सुविधाएँ यूएई नागरिकों जैसी ही मिलती हैं।
यदि वीजा धारक की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार वीजा की अवधि समाप्त होने तक यूएई में रह सकता है।
यूएई का यह नया गोल्डन वीजा प्रोग्राम भारतीय और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए एक बड़ी अवसर की तरह सामने आया है, जो अब दुबई में स्थायी रूप से बसने का सपना साकार कर सकता है।
