नशा कारोबारियों का नेटवर्क ध्वस्त करने में विफल साबित हो रही कठुआ पुलिस

Monday, Jul 22, 2019 - 02:07 PM (IST)

कठुआ (गुरप्रीत) : आतंकवाद ग्रस्त रियासत जम्मू कश्मीर मेें एक ओर कश्मीर के युवाओं को बरगलाकर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों की ओर धकेला जा रहा है। ठीक इसी तरह से जम्मू संभाग को भी साजिश के तहत नशे की ओर धकेलने के प्रयास किए जा रहे हैं। जम्मू संभाग में विगत कुछ दिनों से पुलिस ने भले ही नशीले पदार्थों की तस्करी के बड़े प्रयास विफल किए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर बिकने वाले नशे के सामान पर रोक लगाने में पुलिस नाकाम ही साबित हो रही है। पड़ोसी राज्य पंजाब से सटा जिला कठुआ में नशा कारोबारियों का नेटवर्क ध्वस्त करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हालात यह है कि शहर के अधिकतर युवा नशे की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। शहर में चिट्टे का व्यापार इन दिनों फल फूल रहा है। चिट्टे की बिक्री को लेकर जम्मू के सांबा, जम्मू और रियासी तक प्रसिद्ध कठुआ के कुल्लियां इलाके के बाद अब कबीर नगर इलाका सुर्खियों में है।

 

नशा कारोबारियों का नेटवर्क कुल्लियां के बाद अब कबीर नगर इलाके में चल रहा है। सूत्रों की मानें तो कुल्ल्यिां में पंचायत सहित स्थानीय युवाओं की सख्ती के बाद वहां युवा नशे की डोज लेना बंद कर गए हैं लेकिन नशे का सामान लेने के लिए वहां जाते जरूर हैं। सामान लेने के बाद डोज गांव से कहीं बाहर आकर लेते हैं। यही नहीं कबीर नगर का इलाका भी इन दिनों चिट्टे की  िबक्री को लेकर चर्चाओं में है। कबीर नगर में कुछ लोग इस पूरे धंधे को अंजाम दे रहे हैं। जिनका गत दिनों कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था।  सूत्र बताते हैं कि यहां नशीले सामान की बिक्री करने वाले लोग खुद भी डोज लेने के बाद नशे का सामान नशेडिय़ों को बेचते हैं। ऐसे में कबीर नगर में जारी इअस तरह के काम से आम लोग भी सुरक्षा को लेकर सकते में हैं। आपको बता दें कि करीब तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन जिला पुलिस प्रमुख के निर्देशों पर पुलिस ने नशे के विरुद्ध भारी स्तर पर अभियान छेड़ा था जिसमें एक  सौ से ज्यादा एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए थे। इनमें अधिकतर मामले चिट्टे की बरामदगी के थे।

 

 आखिर क्यों नहीं लग रही इस काले कारोबार पर रोक?
कठुआ  : भारी भरकम पुलिस के नेटवर्क के बावजूद इस काले कारोबार पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है, यह भी जांच का विषय है। पुलिस का खुफिया तंत्र भी सक्रिय है लेकिन किन कारणों के कारण जमीनी स्तर पर नशा कारोबारियों का नेटवर्क ध्वस्त नहीं हो पा रहा है। शहर सहित आसपास के इलाकों में सक्रिय यह लोग सीधे तौर पर युवाओं को नशे के काले दलदल में धकेलते जा रहे हैं।  आपको बता दें कि कठुआ के इन इलाकों में रोज कठुआ के अलावा पंजाब, सांबा, जम्मू, रियासी कटड़ा तक के नशेडी आपूर्ति के लिए आते हैं। यही नहीं शहर से सटे कंडी के भी कई गांवों में कारोबारी सक्रिय हो रहे हैं। 
 


पहले कुल्लियां में विरोध के बाद बंद हो गया था काम
कठुआ : स्थानीय पंचायत के नुमाइंदों और युवाओं के विरोध के बाद कुल्लियां में नशे का कारोबार पर ब्र्रेक लगी थी। युवाओं ने दो दर्जन से अधिक युवाओं को पकडक़र पुलिस के हवाले किया था। यह वही युवा थे जो नशे की डोज लेने के लिए कुल्लियां हर रोज आते थे। कुछ दिनों तक तो यहां फिर सब शांत रहा , परंतु अब एक बार फिर से यहां बाहरी युवाओं की आवाजाही का सिलसिला शुरू हो चुका है। चोरी छिपके नशेडी डोज यहां से खरीदने के बाद अन्य गांव के बाहरी स्थानों पर जाकर डोज ले रहे हैं। चूंकि इस इलाके में आने के लिए कई मार्ग लगते हंैं, ऐसे में नशेड़ी भी अलग अलग मार्गों का इस्तेमाल गांव में नशा लेने के लिए कर रहे हैं।

 
 
नशीली कुडीन युक्त दवाओं की शहर में आपूर्ति कर रहे चंद प्रभावी लोग 
कठुआ : शहर में चिट्टे के साथ साथ प्रतिबंधित कुडीन युक्त नशीली दवाओं की आपूर्ति भी हो रही है। शहर में सक्रिय चंद लोग इस नशीली दवा की होम डिलीवरी तक कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो बाहरी राज्यों से आने वाले इस सामान की डिलीवरी वीडियोकोच बसों के माध्यम से होती है। शहर में भी चंद प्रभावी लोग इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। तीन से चार सौ रुपये तक मिलने वाली इस नशीली दवाओं का काम चंद प्रभावी लोगों द्वारा किए जाने से भी शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह लोग अपना नेटवर्क फोन के माध्यम से ही चलाते हैं। सुबह फोन की घंटियों के बाद यह लोग नशेडिय़ों को खुद जाकर आपूर्ति कर देते हैं। 
 

Monika Jamwal

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