ऑफ द रिकॉर्डः कांग्रेस के ‘शेखचिल्ली’ के सपने

Sunday, May 13, 2018 - 08:50 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इस घोषणा कि अगर लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे और विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए, के विपरीत मायावती इस बात पर अडिग हैं कि कांग्रेस के साथ कोई तालमेल नहीं बनाया जाएगा। सीटों के बंटवारे को लेकर हुई बैठक के दौरान मायावती ने अखिलेश को बताया था कि कांग्रेस पार्टी का राज्य में कोई राजनीतिक आधार नहीं और उसके वोट बसपा या सपा उम्मीदवारों को स्थानांतरित नहीं होंगे। इस बात को महसूस करते हुए कि अखिलेश कांग्रेस पार्टी को गठबंधन में लाना चाहते हैं, मायावती ने कहा कि अगर सपा ऐसा चाहती है तो वह अपनी 35 सीटों के कोटे से उसको सीटें अलॉट कर सकती है।

बसपा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक भी सीट छोड़ने को तैयार नहीं। अखिलेश ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि वह ही थे जिन्होंने बुआ जी के साथ चुनावी गठबंधन करने की पहल की थी। अखिलेश ने पहली मुलाकात के दौरान मायावाती के  पैर भी छुए थे। स्पष्ट है कि मायावती पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और अन्य राज्यों में कांग्रेस के साथ लोकसभा सीटों पर बातचीत करने के मुद्दे पर कड़ा रुख अपना रही हैं। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 15 लोकसभा सीटें चाहती है मगर न तो सपा, न ही बसपा इतनी सीटें देने के लिए तैयार होंगी इसलिए राहुल गांधी का सबसे बड़ी पार्टी बनने का स्वप्न तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक सपा, बसपा उनका साथ देने को तैयार न हों।

Seema Sharma

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