लंबित वेतन की मांग को लेकर विरोध कर रहे डॉक्टर बोले, भूखे पेट नहीं चल सकते कोविड योद्धा

Thursday, Oct 15, 2020 - 09:46 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली में नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को लंबित वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर रोष जताया और कहा कि वे महामारी की परिस्थितियों का बहादुरी से मुकाबला कर सकते हैं , मरीजों की सेवा कर सकते हैं लेकिन ''कोविड योद्धा भूखे पेट नहीं रह सकते।'' पिछले तीन महीने से लंबित वेतन की मांग को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तीन अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर धरना दे रहे हैं। 

डॉक्टरों की एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे 19 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। ऑनलाइन आवाज उठाने के बाद जब कथित तौर पर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टर सबसे पहले विरोध करने सामने आए थे। 

हिंदूराव अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने कहा, '' क्या डॉक्टर इंसान नहीं हैं? क्या हमें सामानों की आवश्यकता नहीं है, घर में राशन नहीं लाना है, परिवार का भरण-पोषण नहीं करना है, कर्ज नहीं चुकाना है? क्या प्रशासन हमसे बिना वेनत के काम करने की उम्मीद करता है और कितने लंबे समय तक? वे लोगों को थाली बजाने और हम पर फूल बरसाने को कहते हैं। इस समय यह सब हमें खोखला महसूस होता है।'' सरदाना ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि हिंदूराव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर संयुक्त रूप से धरना-प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। 

उन्होंने कहा, '' हमें समस्याओं का कोई हल नजर नहीं आ रहा। विभिन्न दलों के बीच हम डॉक्टर केवल फुटबॉल बनकर रह गए हैं। कोई हमारी चिंता नहीं करता लेकिन वे उम्मीद करते हैं कि कोविड-19 संकट के समय में हम लोगों का इलाज करें।'' नगर निगम की डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरआर गौतम ने कहा,'' समाज हमें ईश्वर की तरह मानता है। लेकिन, उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि हम भी इंसान हैं।''

Pardeep

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