लाखों साल पुराना क्रिस्टल क्लियर पानी पीना पड़ा भारी, इंसान का हुआ भयानक हाल - एक्सपर्ट बोले, ऐसा पानी है ‘मौत का ज़हर’!
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 02:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसने लोगों को सिहरने पर मजबूर कर दिया है। वीडियो में एक व्यक्ति को लाखों साल पुराने जमे हुए बर्फीले स्रोत से निकला क्रिस्टल क्लियर पानी पीते देखा जा सकता है। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसका शरीर अंदर से मानो सड़ने लगा — और डॉक्टर भी हैरान रह गए।
यह वीडियो हेल्थ एक्सपर्ट DoctorMyro ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया और सख्त चेतावनी दी — “Please don’t drink the ancient microbes!” यानी “कृपया इन प्राचीन सूक्ष्मजीवों को मत पिएं।”
दिखने में शुद्ध, असल में घातक
DoctorMyro ने बताया कि ग्लेशियर का पानी भले ही आंखों को साफ और पारदर्शी लगे, लेकिन यह वास्तव में एक टाइम कैप्सूल है — जिसमें हजारों-लाखों साल पुराने बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स फंसे रहते हैं। ये सूक्ष्मजीव पृथ्वी के उस दौर के हैं, जब इंसानों का अस्तित्व तक नहीं था। इसलिए आज का मानव शरीर इनसे लड़ने में पूरी तरह असमर्थ है।
रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे
वैज्ञानिकों के मुताबिक, तिब्बत के गुलिया ग्लेशियर में करीब 15,000 साल पुराने जीवित माइक्रोब्स मिले हैं। वहीं, अंटार्कटिका के टेलर ग्लेशियर से 20 लाख साल पुराने बैक्टीरिया खोजे गए हैं — जो बिना ऑक्सीजन के भी जीवित रह सकते हैं।
यानी, यह पानी दिखने में भले “जीवन का प्रतीक” लगे, पर इसके भीतर छिपे सूक्ष्मजीव संक्रमण, डायरिया, पेट दर्द और गंभीर डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं।
“प्रकृति के साथ प्रयोग” का डरावना नतीजा
DoctorMyro के अनुसार, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को पानी पीने के कुछ ही घंटों बाद तेज पेट दर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह गियार्डिया या क्रिप्टोस्पोरिडियम नामक परजीवियों के कारण होता है, जो बर्फ के नीचे सालों से छिपे रहते हैं और अब दोबारा सक्रिय हो जाते हैं।
एक्सपर्ट की अपील
DoctorMyro ने कहा, “ग्लेशियर वॉटर जितना खूबसूरत दिखता है, उतना ही खतरनाक भी है। यह किसी बर्फीली नदी का मिनरल वॉटर नहीं, बल्कि लाखों साल पुरानी बीमारियों का संग्रहालय है।”
