दिव्यांग लड़की पर आया डाक्टर का दिल, गोद में उठाकर की शादी

Wednesday, Mar 22, 2017 - 07:57 PM (IST)

जबलपुर: दिव्यांगों की उपेक्षा करने वालों के सामने मध्य प्रदेश के एक डाक्टर ने मिसाल पेश की है। जिस लड़की ने अपनी दिव्यांगता के चलते शादी के सपने देखना ही बंद कर दिया था उसे डाक्टर दुल्हा ने अपनाया और दुनिया को संदेश देने के लिए दुल्हन को गोद में उठाकर जबलपुर के कलेक्ट्रेट में मैरिज करने पहुंचा। रास्ते में जिसने भी जोड़े को देखा एक ही बात कही, प्यार मन की सुंदरता को देखकर होता है। जातीय बंधन को तोड़कर हुई इस शादी में बैंड बाजा या बारात का तामझाम भी नहीं दिखा, जो अपने आप में युवाओं को एक बड़ा संदेश है।

मां के इलाज के बहाने हुआ प्यार
कोलकाता के रहने वाले समीरन बाला आयुर्वेद के डाक्टर हैं और जबलपुर में प्रैक्टिस करते हैं। कुछ दिन पहले वे एक बुजुर्ग महिला मीरा पटेल का इलाज करने उनके घर गए थे। वहां उनकी नजर एक दिव्यांग लड़की मीना पटेल पर पड़ी। इसी दौरान मीना और समीरन में प्यार हो गया। मीना और समीरन ने शादी करने का फैसला किया। इस शादी के लिए डा. समीरन को अपने परिवार वालों को राजी करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार के लोग चाहते थे कि यह शादी पूरे धूमधाम से हो लेकिन इस जोड़े ने युवाओं के सामने मिसाल कायम करने के लिहाज से बेहद सादगी से कोर्ट में शादी रचाई। 

पोलियो की शिकार हैं दुल्हन
डा. समीरन और मीना ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि हमने कितना सही फैसला लिया है, हम तो बस इतना जानते हैं कि हमें एक-दूसरे से प्यार था, इसलिए शादी कर ली। दुल्हन मीना ने बताया कि बचपन में ही वह पोलियो की शिकार हो गई थीं, जिसके चलते उनके दोनों पैर काम नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले तो घर वालों ने सामान्य लड़के से उसकी शादी करानी चाही पर बात नहीं बनी। पिछले 2-3 साल से तो उसने मान लिया था कि अब उसकी शादी नहीं होगी। 

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