क्या आप जानते हैं सिलेंडर की भी होती है एक्सपायरी डेट, ऐसे करें चेक
Wednesday, Nov 13, 2019 - 01:46 PM (IST)
नेशनल डेस्कः आज हर घर में रोजाना गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। अब तो गांवों तक भी इनकी सुविधा पहुंच गई है। लेकिन सिलेंडर से जुड़ी तमाम ऐसी कई बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। क्या आपको मालूम है कि खाने-पीने के सामान और दवाओं की तरह गैस सिलेंडर की भी एक्सपायरी डेट होती है। इतना ही नहीं एक्सपायरी डेट निकलने पर गैस सिलेंडर खतरनाक साबित हो सकता है।
ऐसे जांचे अपने सिलेंडर की डेट
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम तीनों ही कंपनियों के एलपीजी सिलेंडर में तीन पत्तियां लगी रहती हैं। इसमें दो पत्तियों पर सिलेंडर का वजन और तीसरी पत्ती में कुछ नंबर लिखे होते हैं। यह वास्तव में सिलेंडर की एक्सपायरी डेट होती है। इस कोड में सिलेंडर के एक्सपायर होने का महीना और साल लिखा होता है। गैस कंपनियां पूरे साल को चार हिस्सों में बांट देती हैं। यह A,B,C या D से शुरू होता है और आगे इसमें कोई नंबर होते हैं।
- A- जनवरी-फरवरी-मार्च तक के लिए
- B- अप्रैल-मई-जून का कोड
- C-जुलाई-अगस्त-सितंबर
- D-अक्तूबर-नवंबर-दिसंबर का कोड
ऐसे लिखे होते हैं साल
उदाहरण के लिए किसी सिलेंडर पर D-06 लिखा है तो इसका मतलब है दिसंबर 2006 तक, यानी इसके बाद इसकी टेस्टिंग करवानी जरूरी है। अगर B-25 लिखा है तो मतलब ये हुआ कि वह गैस सिलेंडर बी (B) यानी अप्रैल-मई-जून 2025 को एक्सपायर हो जाएगा। इसके तारीख के बाद किसी भी तरह की दुर्घटना की जिम्मेदारी तेल कंपनी की नहीं होती है।
कितनी साल में टेस्टिंग जरूरी
किसी भी नए एलपीजी गैस सिलेंडर की 10 से 15 साल में टेस्टिंग करवानी होती है। वहीं पुराने सिलेंडर की हर 5 साल में टेस्टिंग करवानी जरूरी है। वैसे तो एजेंसी खुद ही इसकी टेस्टिंग करती है लेकिन कई बार धोखे से ऐसे सिलेंडर मार्केट में आ जाते हैं।
यहां होता है टेस्ट
गैस सिलेंडर प्लांट में सिलेंडर की टेक्निकल जांच की जाती है। कई बार लोग सालों तक सिलेंडर का यूज नहीं करते। ऐसे में इस तरह के सिलेंडर की टेक्निकल जांच बहुत जरूरी हो जाती है। जांच न करवाने पर कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।