लीची को न करें नजरअंदाज

Friday, Jun 28, 2019 - 12:43 PM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मिठास के लिए मशहूर शाही लीची को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एईएस) के पीछे कुछ लोग शाही लीची को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कुछ लोग ऐसे कयास लगा रहे हैं कि शाही लीची में मौजूद विषैले तत्वों की वजह से बच्चे चमकी बुखार का शिकार बन रहे हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि शाही लीची के ऊपर कीटनाशकों का छिड़काव बीमारी की वजह बन रही है।

अफवाहों के दौर में शाही लीची की प्रतिष्ठा दाव पर लगती हुई देखकर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएल) ने सक्रियता दिखाई है। एनआरसीएल ने इस संबंध में एक बयान जारी कर सोशल मीडिया पर चल रहे अफवाहों के दौर को विराम लगा दिया है और शाही लीची को पौष्टिक तत्वों वाला फल करार दिया है। एनआरसीएल के निदेशक डॉ. विशाल नाथ ने पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के किसानों, व्यवसायी और कारोबारियों को संदेश जारी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से शाही लीची के खिलाफ अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि बिहार की मशहूर लीची स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित और पौष्टिक है और इसमें किसी भी तरह का नुकसान करने वाला तत्व नहीं होता।

औषधीय खूबियों वाली होती है शाही लीची

  • कैंसर से बचने में सहायक
  • पाचनतंत्र के लिए लाभकारी
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है
  • हृदय रोगों में लाभदायक
  • भरपूर ऊर्जा का स्रोत
  • वजन कम करने में सहायक
  • पाइल्स के रोगियों के लिए फायदेमंद
  • त्वचा की बीमारियों में लाभदायक
  • संक्रामक बीमारियों से लड़ने में सहायक
  • बुढ़ापे से बचाव


इस तरह करें लीची का सेवन

  • सलाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं
  • इसके रस को शरबत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है
  • जेम, जैली और शेक भी बनाया जा सकता है

Seema Sharma

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