दिवाली पर ऑनलाइन शॉपिंग है खतरनाक! AI टूल्स से इतने प्रतिशत बढ़े साइबर फ्रॉड लगा रहे आपको चूना
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 03:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देश में दिवाली के त्योहार से पहले ऑनलाइन खरीदारी जोर पकड़ रही है, लेकिन इसी दौरान साइबर अपराधों में भी तेज़ी देखी जा रही है। साइबर सुरक्षा कंपनियों के अनुसार त्योहारों के सीजन में फ्रॉड के मामले करीब 40% बढ़ जाते हैं, जिनमें से लगभग 15% हमले पूरी तरह व्यवहार-आधारित होते हैं। ठग अब AI टूल्स की मदद से ऐसे मैसेज और लिंक तैयार कर रहे हैं, जो बेहद पर्सनल और भरोसेमंद लगते हैं।
AI ने बदला साइबर फ्रॉड का तरीका
Quick Heal Technologies की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब साइबर फ्रॉड केवल डिवाइस तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे व्यक्ति पर केंद्रित है। AI और मशीन लर्निंग टूल्स के जरिए फ्रॉडस्टर्स आपके सर्च पैटर्न, शॉपिंग ट्रेंड्स और ऑनलाइन व्यवहार का विश्लेषण करके स्कैम मैसेज तैयार करते हैं। इस कारण कई पीड़ित असली और नकली मैसेज में फर्क नहीं कर पाते।
त्योहारों में क्यों बढ़ते हैं स्कैम
McAfee के सर्वे के अनुसार, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों में 95% भारतीय खरीदारी करते हैं। साइबर अपराधी इस समय नकली ईमेल, SMS और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए फर्जी डील्स और ऑफर्स फैलाते हैं। कई मामलों में AI-जनरेटेड सेलिब्रिटी विज्ञापनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। त्योहारों में इन स्कैम में लगभग 40% की बढ़ोतरी देखी गई है।
ई-ग्रीटिंग कार्ड और मोबाइल ट्रोजन का खतरा
त्योहारों के दौरान भेजे जाने वाले ई-ग्रीटिंग कार्ड भी साइबर हमलों का हिस्सा बन चुके हैं। Quick Heal के अनुसार, इन कार्ड्स में छिपे ट्रोजन मोबाइल ऐप्स पीड़ित के डिवाइस को हैक कर सकते हैं और उसके नाम से संपर्कों को मैसेज भेजकर पैसे मांग सकते हैं। अक्सर लोग छोटी रकम भेज देते हैं, जिससे अपराधियों का जाल और फैलता है।
साइबर सुरक्षा कंपनियों की चेतावनी
Kaspersky और Akamai जैसी कंपनियां बताती हैं कि AI-जनरेटेड फ्रॉड्स को पहचानना बेहद मुश्किल है। पारंपरिक पैटर्न-आधारित सुरक्षा सिस्टम इन स्कैम्स के खिलाफ कारगर नहीं हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि लोगों को ज्यादा सतर्क रहना होगा, क्योंकि पैसे वापस पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
यूनिक लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें, खासकर डिस्काउंट और गिफ्ट ऑफर वाले।
UPI या ऑनलाइन पेमेंट से पहले वेरीफाई करें, पैसे भेजने से पहले कॉल करके कन्फर्म करें।
एंटीवायरस और मोबाइल सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल रखें।
पब्लिक WiFi पर ट्रांजैक्शन न करें।
अनजान नंबर से आए ई-कार्ड या फाइल डाउनलोड न करें, इनमें ट्रोजन या मैलवेयर हो सकता है।