दिल्ली अग्निकांड पर चर्चा, कमिश्नर हंसीं तो हो गया हंगामा

Tuesday, Dec 17, 2019 - 09:40 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): अनाजमंडी अग्निकांड घटना में मारे गए 44 लोगों के मामले में चर्चा के दौरान कमिश्नर (निगमायुक्त) वर्षा जोशी के कथित हंसने पर विपक्ष ने भारी हंगामा किया। विपक्ष द्वारा निगमायुक्त जोशी से माफी की मांग पर अड़े रहने और सत्तापक्ष भाजपा व विपक्ष के बीच चले  आरोप-प्रत्यारोप के कारण बैठक बिना किसी नतीजे के स्थगित हो गई। दरअसल सोमवार को बैठक शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के पार्षद व विपक्ष के नेता सुरजीत सिंह पवार ने अनाज मंडी अग्निकांड में 44 लोगों की दर्दनाक मौत का मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेता ने सदन में इस हादसे के लिए निगम के फैक्ट्री लाइसेंसिंग विभाग व भवन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा मृतकों के निकट संबंधियों को पांच-पांच लाख रुपए के मुआवजे तथा घायलों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की मांग की।

 

इस दौरान निगमायुक्त जोशी के मुस्कराने पर नेता विपक्ष ने ऐतराज करते हुए कहा कि इतनी दुखद घटना पर निगमायुक्त मुस्करा रही हैं और यह मृतक लोगों का अपमान है। नेता विपक्ष ने इसके लिये निगमायुक्त से माफी मांगने के लिए कहा। निगमायुक्त द्वारा तुरंत माफी न मांगने पर विपक्षी आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद सदन में हंगामा कर नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख महापौर अवतार सिंह ने बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा बैठक शुरू होने पर भी हंगामा चलता रहा। इसके बाद निगमायुक्त  अपनी सीट से उठकर नेता विपक्ष के पास आकर हाथ जोड़कर माफी मांगी। साथ ही निगमायुक्त ने मुआवजा राशि देेने से मना करते हुए कहा कि निगम के पास पैसा नहीं हैं और उन्होंने निगम अधिकारियों पर कार्रवाई करने से यह कहते हुए मना किया कि जांच पूरी होने पर ही कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त जोशी का मामला ठंडा ही हुआ था तो चर्चा के दौरा नेता सदन तिलकराज कटारिया ने नाम लिए बगैर आप के पार्षदों के लिए असंवैधानिक भाषा को प्रयोग किया, जिस पर आप के पार्षदों ने भी भाजपा को असंवैधानिक भाषा से घेरना शुरू कर दिया। वेल में आने के बाद और हंगामा बढ़ता देख बैठक स्थगित कर दी गई। 

 

आप व भाजपा हादसे के प्रति गंभीर नहीं 
निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि अनाजमंडी और शालीमार बाग में हुए भीषण अग्निकांड जैसी संवेदनशील घटनाओं में दिल्ली सरकार व नगर निगम की नाकामियां उजागर होने से बचने के लिए निगम की बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा व विपक्ष के पार्षदों ने राजनीतिक रूप से हंगामा किया और बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। गोयल ने कहा कि अगर उपरोक्त घटनाओं पर चर्चा की जाती तो नि:संदेह दिल्ली सरकार और उत्तरी निगम की नाकामियां व कारगुजारियां उजागर होती। इतना ही नहीं, सरकार और निगम के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठते। करोलबाग स्थित अर्पित होटल अग्निकांड से दिल्ली सरकार तथा निगम ने कोई सबक नहीं लिया अगर उस घटना के बाद भी सरकार और निगम के अधिकारी अपनी पूरी जिम्मेदारी से काम करते तो फिल्मिस्तान अग्निकांड को रोका जा सकता था। 

 

सत्ता पक्ष ने लगाया दिल्ली सरकार पर आरोप 
बैठक के उपरांत सत्तापक्ष की ओर से नेता सदन तिलकराज कटारिया ने कहा कि सन् 1958 के समय से और वर्ष 2007 तक जो निर्माण कार्य वॉल सिटी में हुए उसमें किसी भी तरह का दखल निगम अथवा अन्य कोई एजेंसी दे नहीं सकती। वर्तमान में कोई नया निर्माण कार्य नहीं हुआ, दिल्ली मास्टर प्लान-2021 के दिशा निदेर्शों के अनुसार निगम ने स्पेशल एरिया के लिए एक प्रस्ताव पास किया। प्रस्ताव में इस क्षेत्र के लोगों को कहीं फ्लैटेड स्पेस देकर बसाने की बात थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि  निगम के लाइसेंस विभाग ने 15 जनवरी 2020 तक यह सर्वे शुरू किया हुआ है कि इस प्रकार के कोई प्रदूषित या अनधिकृत रूप से इंडस्ट्रीज तो नहीं चल रही। इसके लिए साढ़े चार हजार संपत्तियों को नोटिस दिया गया और लगभग साढ़े तीन हजार संपत्तियां नोटिस जारी होने के बाद खाली कर चली गई और 400 ऐसी संपत्तियों को सील किया गया।

vasudha

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