क्विक टिप्पणीः कांग्रेस की लुटिया डुबोते दिग्विजय सिंह

Tuesday, Sep 17, 2019 - 07:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क (रवि प्रताप सिंह) : चुनाव आयोग जल्द ही कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी करने वाला बयान दे डाला है। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक कार्यक्रम में बोलते हुए भगवाधारियों को बलात्कारी और चूरण बेचने वाला बताया है। कांग्रेस के बयानवीर दिग्विजय सिंह को और उनकी पार्टी को विधानसभा में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

वैसे, ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेसी नेताओं ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत किया है। भगवा आतंकवाद, हिंदू तालिबान और मंदिर में बलात्कार होते हैं जैसे जुमले कांग्रेसी नेताओं की ही देन हैं। ऐसे बयान देने में दिग्विजय सिंह का नाम पहला आता है।

हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे वक्त दिग्विजय सिंह का यह बयान पार्टी को भारी पड़ सकता है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद हार की समीक्षा के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एके एंटनी के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था। इसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि हिंदू विरोधी छवि के कारण पार्टी की हार हुई थी। लगता है दिग्विजय सिंह ने एके एंटनी की रिपोर्ट से कुछ सबक नहीं लिया।

आज सोशल मीडिया का जमाना है। ऐसे बयान जंगल में आग की तरह फैलते हैं। भले ही दिग्विजय सिंह अब बयान पर माफी मांग ले, लेकिन पार्टी को अब नुकसान हो चुका है। हालांकि आज भी लोगों को याद है कि गोहत्या बंदी के लिए दिल्ली में हजारों संत आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन में बच्चें और महिलाएं भी शामिल थे।  लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्थिति को संभालने के स्थान पर निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवा दी थीं जिसमें न जाने कितने बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी। सोशल मीडिया के प्रसार ने ऐसी अनेक जानकारियों को आम लोगों तक पहुंचा दिया है। हालांकि कुछ जानकारियां फर्जी भी होती हैं।

भगवा आतंक की थ्योरी वर्ष 2013 में देश के तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दी थी। उनके इस बयान पर देश में काफी हो-हल्ला मचा था। यह बयान भी 2014 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ा था। अब देखने वाली बात है कि आगामी विधान सभा चुनावों में दिग्विजय सिंह का बयान कांग्रेस के लिए क्या रंग लेकर आता है।

 

 

Ravi Pratap Singh

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