टीकाकरण को सार्वभौमिक बनाने के लिए शुरू हुआ डिजिटल प्रोत्साहन

punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2024 - 04:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क। बीमारियों को रोकने में टीकों की भूमिका 1796 से साबित हो चुकीं हैं, जब खतरनाक चेचक के खिलाफ पहला टीकाकरण हुआ था। अकेले पिछले 50 वर्षों में, टीकों ने वैश्विक स्तर पर 15 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है, जो हर साल हर मिनट छह जिंदगियों के बराबर है। 

जीवन की रक्षा करना भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) का प्रमुख मिशन है। हर साल, 2.6 करोड़ से अधिक नवजात शिशुओं को खसरा, डिप्थीरिया और पोलियो जैसी 12 रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ यूआईपी के तहत टीके लगाए जाते हैं जोकि जीवन के लिए खतरा हो सकता है। 

हालाँकि यह कार्यक्रम 1985 में शुरू हुआ था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में इसका तेजी से विस्तार हुआ है। 100% वैक्सीन कवरेज हासिल करने में हमारे सामने अभी भी चुनौतियां हैं, जिनमें कुछ क्षेत्रों और समुदायों में वैक्सीन के प्रति झिझक से लेकर प्रवासन के कारण स्कूल छोड़ने वालों की संख्या और कई अन्य कारक शामिल हैं, जो कुछ बच्चों के आंशिक रूप से टीकाकरण या असंबद्ध रहने में योगदान करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कोई भी बच्चा और गर्भवती महिला टीकाकरण से वंचित नहीं रहने के मिशन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। इसे प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम-विन (यू-विन) के रूप में वैक्सीन कवरेज को अधिकतम करने के लिए एक तकनीकी समाधान लेकर आया है। यू-विन एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जोकि पूरे भारत में सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की स्थिति को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीकृत और मॉनिटर करता है। 

जानकारी के लिए बता दें कि यू-विन, अनिवार्य रूप से, एक नाम-आधारित रजिस्ट्री है जो "कहीं भी पहुंचकर और कभी भी टीकाकरण" की सुविधाएं देती हैं। जन-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ डिज़ाइन किया गया यह प्लेटफ़ॉर्म टीकाकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं प्रदान करता है। गर्भवती महिलाएं यू-विन ऐप या पोर्टल के माध्यम से स्वयं पंजीकरण कर सकती हैं, या पंजीकरण के लिए निकटतम टीकाकरण केंद्र में जा सकती हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Rahul Rana

Related News