कर्नाटक भाजपा में पैदा होने लगे मतभेद

Sunday, Nov 17, 2019 - 05:12 AM (IST)

बेंगलुरु: कांग्रेस और जनता दल (एस) के अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों को पार्टी में शामिल किए जाने से कर्नाटक भाजपा में मतभेद पैदा होने लगे हैं। पार्टी के इस फैसले का विरोध करने वाले नेताओं में सरथ कुमार भी शामिल हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सरथ को हार का मुंह देखना पड़ा था। वह अब भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे अयोग्य घोषित विधायक एन. नागाराजू के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होंगे। जनता दल (एस) ने भी उनका समर्थन करने का ऐलान किया है। 

भाजपा का दामन थामने वाले अयोग्य ठहराए गए अधिकतर विधायकों को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा ने भविष्य के विधायक और मंत्री करार दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो वायदा किया गया है उसे निभाया जाएगा। ऐसे में इसे स्पष्ट संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि ये विधायक 5 दिसम्बर को होने वाले उपचुनावों में पार्टी के उम्मीदवार होंगे। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) के नेता एच.डी. देवेगौड़ा ने कहा कि येद्दियुरप्पा को अयोग्य ठहराए गए विधायकों के उपचुनावों में हार का डर सता रहा है और यही कारण है कि वे मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें मंत्री बनाने जैसे बयान दे रहे हैं। 

उधर विधानसभा उपचुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होने की खबरों के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवाडी ने कहा कि वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और पार्टी का निर्णय उन्हें मंजूर है।

सवाडी ने कहा कि विधायक नहीं होने के बावजूद जिस पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया है वही उनका भविष्य तय करेगी। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के अयोग्य विधायक महेश कुमातल्ली को अठानी से अपना उम्मीदवार बनाया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे और उनकी जीत सुनिश्चित करवाएंगे। सवाडी न तो विधानसभा और न ही परिषद के सदस्य थे, इसके बावजूद उन्हें प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। 

Pardeep

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