महाराष्ट्र में पलटी बाजी: क्या शरद पवार ने सोनिया गांधी से लिया 1991 का बदला?

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 11:44 AM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह हुए नाटकीय राजनीतिक उलटफेर पर आम जनता ही नहीं राजनीति से जुड़े लोग भी हैरान है कि किसी को पता भी नहीं चला और भाजपा पासा भी पलट गई। सुबह 8 बजे के करीब देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली तो दूसरी तरफ एनसीपी के अजित पवार डिप्टी सीएम बने। महाराष्ट्र में हुए इस बड़े उलटफेर को लोग जहां सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे पर भाजपा की सर्जिकल सट्राइक बता रहे हैं।

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वहीं इसके साथ ही साल 1991 के घटनाक्रम का भी जिक्र किया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि क्या पवार ने सोनिया गांधी से 1991 का बदला लिया है। हालांकि शरद पवार ने कहा कि उन्होंने शिवसेना और कांग्रेस को धोखा नहीं दिया लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा तो यही है कि पवार ने सोनिया से हिसाब चुकता किया है।

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क्या है 1991 का घटनाक्रम
भले ही पवार कुछ भी स्पष्टीकरण दें लेकिन यह तो बात साफ है कि वे खुद भी 1991 के घटनाक्रम को नहीं भूले होंगे। तब पवार खुद प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल थे लेकिन सोनिया गांधी के 'वीटो' की वजह से वहां तक नहीं पहुंच पाए। 1991 में पवार की जगह पीवी नरसिम्हा राव को कुर्सी सौंप दी गई थी। शरद पवार खुद कई मौकों पर कह चुके हैं कि सोनिया गांधी के 'वीटो' की वजह से वे 1991 में प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। उन्होंने अपनी किताब 'लाइफ ऑन माई टर्म्स - फ्रॉम ग्रासरूट्स एंड कॉरीडोर्स ऑफ पावर' में भी इस बात का जिक्र किया है और लिखा कि साल 1991 में 10 जनपथ के 'स्वयंभू वफादारों' ने सोनिया गांधी को इस बात के लिए सहमत किया था कि उनकी (पवार) की जगह पीवी नरसिंहराव को प्रधानमंत्री बनाया जाए, क्योंकि 'गांधी परिवार किसी ऐसे व्यक्ति को पीएम नहीं बनाना चाहता था, जो स्वतंत्र विचार रखता हो। ऐसे में अब 1991 के घटनाक्रम का जिक्र होना कोई हैरानी वाली बात नहीं है। हालांकि पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के फैसले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि अजित ने पार्टी तोड़ दी लेकिन यह कितना सच है यह तो वे ही जानते हैं क्योंकि एनसीपी में उनका रुतबा क्या है यह हर कोई जानता है। एनसीपी नेता पवार की मर्जी के बिना कोई फैसला नहीं ले सकते।

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पीएम मोदी संग पवार की एक मीटिंग और पलट गई बाजी
महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन सरकार बनाने की तैयारियां चल रही थीं. शुक्रवार शाम तक यही तस्वीर सामने आ रही थी कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे और कांग्रेस-एनसीपी के एक-एक डिप्टी सीएम होंगे। वहीं शरद पवार ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। हालांकि उन्होंने इस मुुलाकात पर कहा था कि किसानों के मुद्दे को लेकर वे पीएम से मिले हैं। दो दिन की मीटिंग के बाद आज का ताजा घटनाक्रम देखने के बाद कयास लगाए जा रहा हैं कि इस पूरे सियासी उलटफेर की स्क्रिप्ट पीएम मोदी और पवार की मीटिंग में लिखी गई होगी। अब सच क्या है तो कोई नहीं जानता लेकिन कयासों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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Seema Sharma

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