स्वास्थ्य विभाग ने डायलिसिस सैंटर पर लगाई अस्थाई रोक, शर्तों के मुताबिक सेवाएं देने पर हटेगी रोक

punjabkesari.in Monday, Nov 14, 2016 - 10:33 AM (IST)

पंचकूला(संजय) : सामान्य अस्पताल में पी.पी.पी. मोड़ पर बने डायलिसिस सैंटर पर अस्पताल प्रबंधन ने अस्थाई पाबंदी लगा दी है। इसका बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि डायलिसिस सैंटर और अस्पताल प्रबंधन के बीच जो पी.पी.पी. मोड को लेकर अनुंबध हुआ था, उसके मुताबिक डायलिसिस सैंटर मरीजों को इलाज देने में असमर्थ और लाचारी दिखा रहा था। इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को मिलने के बाद अस्पताल ने अस्थाई पाबंदी लगा दी है। 

 

जब तक डायलिसिस सैंटर पी.पी.पी. मोड की शर्तों के मुताबिक डायलिसिस नहीं करेगा, तब तक डायलिसिस सैंटर के चलने की उम्मीद पर ब्रेक लगी है। डायलिसिस सैंटर में अपना डायलिसिस करवाने के लिए करीब 65 मरीज आ चुके हैं। पहले तो डायलिसिस सैंटर में डी.एम.ओ. तैनात नहीं होने के कारण चार सप्ताह तक मरीज डायलिसिस करवाने के लिए धक्के खाते रहे। अब जब इंतजाम हुए तो पी.पी.पी. मोड़ की शर्तों को दरकिनार कर सैंटर डायलिसिस करने की जिद पर अड़ गया जिस कारण स्वास्थ्य विभाग ने अस्थाई रूप से सैंटर पर रोक लगा दी है। इससे पहले भी अस्पताल प्रबंधन ने डायलिसिस सैंटर शुरू करने को लेकर संस्था को नोटिस दिया था।

 

पी.पी.पी. मोड़ पर बना है डायलिसिस सैंटर :

सामान्य अस्पताल में जुलाई-2016 में डायलिसिस सैंटर पी.पी.पी. मोड पर बनना था, लेकिन लटक कर सितम्बर में तैयार हुआ। इसके बाद डायलिसिस सैंटर में डी.एम.ओ. की तैनाती को संस्था लटकाती रही। इस समय के दौरान डायलिसिस करवाने के लिए करीब 65 मरीज अपना डायलिसिस करवाने के लिए सैंटर दस्तक दे चुके थे परंतु उन्हें पहले तो टैस्टों के नाम पर लटकाने की कोशिशें चलती रही। इसके बाद अब जब डायलिसिस का वक्त आया तो फिर डायलिसिस सैंटर ने अस्पताल प्रबंधन के साथ हुए अनुंबध से हटकर ज्यादा रेट में डायलिसिस करने की बात कहीं जिस कारण अस्पताल प्रबंधन ने ऐसा करने से इंकार किया और डायलिसिस सैंटर पर अस्थाई समय के लिए रोक लगा दी। इसका खामिया मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

 

अस्पताल में टैस्ट फ्री, आधे रेट में हो जाएगा डायलिसिस :

पी.पी.पी. मोड पर सामान्य अस्पताल में खुले डायलिसिस सैंटर में हैमोडायलिसिस फॉर सेरो नैगेटिव केस के लिए 959 और हैमोडायलिसिस फॉर सेरो पॉजीटिव केस के लिए 1130 रुपए रेट रखा गया है। यदि मरीज बाहर निजी अस्पतालों में डायलिसिस करवाते हैं तो वहां सैरो नैगेटिव केस के 2000 रुपए और सेरो पॉजीटिव केस के 2700 रुपए लगते हैं। सामान्य अस्पताल में पी.पी.पी. मोड की यह सुविधा चंडीगढ़ के मुकाबले भी कम थी, लेकिन यदि सैंटर नियमों की पालना नहीं करेगा तो मरीजों को इसका कोई फायदा नहीं होगा। 


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