Dhanteras 2024:: देश भर में व्यापारियों के लिए बड़ा दिन, एक दिन में 50 हजार करोड़ के व्यापार का अनुमान
punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2024 - 03:16 PM (IST)
नेशनल डेस्क: धनतेरस के अवसर पर देश भर के व्यापारी बड़े उत्साह के साथ तैयार हैं। इस दिन सोने-चांदी के आभूषणों, बर्तनों, और अन्य वस्तुओं की बड़ी बिक्री का अनुमान है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, इस धनतेरस पर देशभर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है। इसके साथ ही ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत भारतीय उत्पादों की खरीदारी में तेजी देखी जा रही है, जिससे चीनी उत्पादों की मांग घटकर चीन को लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वोकल फॉर लोकल अभियान को बढ़ावा
सांसद खंडेलवाल ने दिल्ली के चांदनी चौक में कुम्हारों से मिट्टी के दीये और सजावट के सामान खरीदकर ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को समर्थन दिया। कैट के अन्य राज्यों के व्यापारी नेता भी स्थानीय कारीगरों के सामान खरीद रहे हैं।
लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर पूजन का महत्व
इस दिन सिद्धि विनायक श्री गणेश, धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा होती है। नई वस्तुओं की खरीद को शुभ माना गया है। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर आदि की विशेष खरीदारी होती है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, झाड़ू की भी खरीद धनतेरस पर शुभ मानी जाती है।
सोना-चांदी की बिक्री में बढ़ोतरी
ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि इस साल सोने-चांदी की भारी मांग देखी गई। अनुमान के अनुसार, 20 हजार करोड़ रुपये का सोना और 2500 करोड़ रुपये की चांदी की बिक्री हुई। ज्वेलरी क्षेत्र में भी वृद्धि देखी जा रही है, खासकर पुराने चांदी के सिक्कों की मांग काफी अधिक रही।
दिल्ली के प्रमुख बाजारों में भारी बिक्री
दिल्ली के प्रमुख बाजार जैसे चांदनी चौक, सदर बाजार, ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर आदि में धनतेरस के अवसर पर खरीदारी में वृद्धि की संभावना है।
धन्वंतरि पूजा और बर्तनों की खरीद का महत्व
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। उनकी प्रिय धातु पीतल मानी जाती है, इसलिए इस दिन पीतल और अन्य बर्तनों की खरीद शुभ मानी जाती है। कैटरिंग और रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस दिन बड़े पैमाने पर बर्तन खरीदते हैं। शाम के समय यम दीपक जलाने की परंपरा भी विशेष रूप से निभाई जाती है।