मुठभेड़ स्थलों पर आने वाले आम लोग ख़ुद होंगे अपनी मौत के जिम्मेदार : DGP

punjabkesari.in Friday, Apr 13, 2018 - 10:41 AM (IST)

श्रीनगर : पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) एस.पी वैद्य ने कहा है कि मुठभेड़ स्थलों पर आने वाले आम लोग अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे क्योंकि बुलेट पत्थरबाजों और आतंकवादियों के बीच फर्क नहीं करता है। डी.जी.पी. ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान सहित सभी पार्टियों के बीच वार्ता पर बल दिया। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एनकाउंटर में चार नागरिकों के मारे जाने की घटना के बाद शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह बात कही। इस दौरान एक सैना के जवान ने भी अपनी जान गंवा दी थी।

 


ट्वीटर पर एक सेशन के दौरान डी.जी.पी. को कश्मीर मुद्दे के समाधान पर डी.जी.पी. को सुझावों के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि कश्मीर समस्या इतनी सरल हो कि मैं एक उत्तर में जवाब दे सकूं। कई दिमाग दर्शकों तक समाधान की तलाश के लिए काम कर रहे हैं। इतना आसान नहीं हैं। मैं व्यक्तिगत रुप से मानता हूं कि बंदूक में समाधान नहीं है। हमारे पड़ोसी सहित हर पार्टी को एक साथ बैठना चाहिए और इसके बारे में बात करनी चाहिए। हिंसा कोई समाधान नहीं है।


मुठभेड़ स्थलों से दूर रहने की अपील
नागरिक हत्याओं पर डी.जी.पी. को बहुत कठिन सवाल पूछे गए। राज्य पुलिस प्रमुख ने युवाओं से एनकाउंटर साइट से दूर रहने की अपील की और कहा कि ऐसे स्थान वैवाहिक समारोह स्थल नहीं होते। पुलिस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि लोगों की मौत कोई नहीं चाहता और ऐसी घटना से सुरक्षा बलों को तकलीफ  पहुंचती है। 
वैद्य ने ट्विटर पर एक सवाल जवाब के सेशन में कहा कि हम युवाओं से अपील कर चुके हैं कि वह एनकाउंटर साइट से दूर रहें क्योंकि बुलेट पत्थरबाज और आतंकवादी में फर्क नहीं करता है। वह अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्हें एनकाउंटर साइट पर नहीं आना चाहिए। उनसे एनकाउंटर के दौरान लोगों के मारे जाने की घटना के बारे में पूछा गया था।

सिविल हत्या किसी को पंसद नहीं
उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी शख्श किसी नागरिक के मारे जाने को पसंद नहीं करेगा। हम लोग बार बार लोगों से अपील करते हैं कि एनकाउंटर साइट के करीब नहीं आएं।
उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस या अद्र्धसैनिक बल या आतंकवादी जब गोली चलाते हैं तो उसका अपना रास्ता होता है। वह छलनी करने से पहले यह नहीं देखते कि यह किसी खास व्यक्ति का सीना है या नहीं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि गोली किसी को भी लग सकती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एनकाउंटर साइट पर नहीं आएं। जब एक लोग की मौत होती है तो इससे सुरक्षा बलों को तकलीफ  होती है और मुझे भी दर्द होता है।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होता है कि किसी को भी चोट नहीं पहुंचे। वहां उनका कोई काम नहीं है। आतंकवादी का विवाह नहीं हो रहा है। ये लडक़े आतंकवादी एनकाउंटर साइट के करीब क्यों आते हैं।


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Monika Jamwal

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