प्रतीक्षा के बावजूद राहुल मेरे पिता से नहीं मिले, इसके बाद हमें कांग्रेस का साथ छोड़ना पड़ा : चिराग

punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2024 - 07:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके पिता रामविलास पासवान ने राहुल गांधी से मिलने के लिए महीनों तक प्रयास किया, लेकिन राहुल गांधी ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद उनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया। राहुल गांधी के बारे में उनकी राय के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि कांग्रेस नेता ने हाल के दिनों में अपनी जिम्मेदारी को ‘‘कुछ अधिक गंभीरता से'' लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का सदन में पिछले सत्र के दौरान दिया गया भाषण अशोभनीय था।

'तीन महीने से अधिक समय तक इंतजार किया'
चिराग पासवान ने 10 साल के पहले राजनीतिक घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए इस बात का स्मरण किया कि वह और उनके पिता तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में अपनी पार्टी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए अक्सर सोनिया गांधी से मिलते थे तथा उसी दौरान सोनिया गांधी ने रामविलास पासवान को राहुल गांधी से मिलने का सुझाव दिया। चिराग पासवान ने कहा, ‘‘रामविलास पासवान ने मिलने का समय मांगा और तीन महीने से अधिक समय तक इंतजार किया, लेकिन राहुल गांधी तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान इसके बावजूद संप्रग में बने रहने के इच्छुक थे और राहुल गांधी से चर्चा करना चाहते थे।

'तो NDA में शामिल होना मुश्किल होता'
चिराग पासवान के मुताबिक, वह उस वक्त भाजपा के साथ गठबंधन के इच्छुक थे। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह मेरे लिए अच्छा था। अगर बैठक हुई होती, तो मेरे लिए अपने पिता को भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने के लिए मनाना मुश्किल होता।'' चिराग पासवान ने कहा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपने सम्मान के कारण भाजपा के साथ गठबंधन को प्राथमिकता दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘2013 तक, हम संप्रग में थे और मुझे अच्छी तरह याद है कि मेरे पिता गठबंधन छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। वह उस गठबंधन में बने रहना चाहते थे और मेरे लिए उन्हें गठबंधन बदलने के लिए मनाना बेहद मुश्किल था।''

'तीन-चार महीने मेरे पिता कोशिश करते रहे'
रामविलास पासवान का 2020 में निधन हो गया। वर्ष 2014 में उन्होंने जब भाजपा के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया, तो वह उस समय बडी सुर्खियां बना तथा इससे भाजपा को माहौल बनाने तथा गठबंधन के विस्तार में मदद मिली। चिराग पासवान ने इस बात का खुलासा किया कि तत्कालीन लोजपा के संप्रग से अलग होने और भाजपा के साथ जाने के कारणों में से एक वजह राहुल गांधी ही थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे पिता के संप्रग छोड़ने का एक कारण यह था कि वह राहुल जी से नहीं मिल सके।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता, राहुल जी से मिलने के लिए तीन-चार महीने तक कोशिश करते रहे और एक भी मुलाकात नहीं हो सकी। मुझे लगता है कि यही एक कारण था कि मेरे पिता बहुत परेशान थे। वरिष्ठ नेताओं में से एक और संप्रग में एक महत्वपूर्ण सहयोगी होने के बावजूद, राहुल गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया।''
 

 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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