प्रधानमंत्री के मना करने के बावजूद भाजपा नेता दे रहे बेतुके बयान

Tuesday, May 01, 2018 - 01:56 AM (IST)

नेशनल डेस्कः ऐसा लगता है कि परिणाम की ङ्क्षचता किए बगैर बिना सोचे-विचारे बयान देना हमारे नेताओं के स्वभाव में शामिल हो गया है। विरोधी दलों की बात तो एक ओर, सत्तारूढ़ भाजपा के नेता भी लगातार ऐसे बयान देकर विवाद पैदा कर रहे हैं जिसके मात्र 10 दिनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

  • अप्रैल को भाजपा विधायक संजय पाटिल ने बेंगलुरू में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण दिया और कहा कि ‘‘कर्नाटक में चुनाव सड़क-पानी के मुद्दे को लेकर नहीं बल्कि हिंदू बनाम मुस्लिम है।’’ ‘‘जो लोग अयोध्या में बाबरी मस्जिद चाहते हैं और टीपू की जयंती मनाते हैं वे कांग्रेस को वोट देंगे और जो अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं और शिवाजी महाराज की जीत चाहते हैं वे भाजपा को वोट देंगे।’’
  • अप्रैल को जब बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों के लोगों ने पानी की लंबे समय से चली आ रही किल्लत की ओर सागर से भाजपा सांसद लक्ष्मीनारायण यादव का ध्यान दिलाया तो उन्होंने लोगों का मजाक उड़ाते हुए कहा- ‘‘आप लोग मुझसे क्या चाहते हैं? मुझसे यह उम्मीद न रखें कि मैं घर-घर जाकर पानी बांटूंगा। जब लोग इतने वर्ष पानी के बगैर गुजारा कर सकते हैं तो कुछ और समय इंतजार क्यों नहीं कर सकते, 6-8 महीनों में आकाश नहीं गिर पड़ेेगा। हम वाटर टैंक बनवाकर पानी उपलब्ध करवाएंगे।"
  • अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बैरिया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कांग्रेस को रावण बताया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शूर्पणखा नाम से संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शासित सभी राज्यों से सभी आतंकवादी भाग कर बंगाल चले गए हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘‘ममता बनर्जी शूर्पणखा हैं और इनकी नाक काटने के लिए लक्ष्मण पैदा हो चुका है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह मिल कर शूर्पणखा की नाक काटने का काम करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वह यह कह कर भी विवाद पैदा कर चुके हैं कि  ‘‘2019 में लोकसभा चुनाव इस्लाम बनाम भगवान होने जा रहा है...ये विपक्षी राष्ट्रविरोधी हैं। किसी का आका इस्लामाबाद में बैठा है तो किसी का इटली में बसता है।’’
  • अप्रैल को भाजपा नेता तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने कहा कि ‘‘मिस वल्र्ड डायना हेडन भारतीय ब्यूटी नहीं है। वह मिस वर्ल्ड बनने लायक नहीं थी क्योंकि वह भारतीय महिलाओं की सुंदरता का प्रतिनिधित्व नहीं करती। डायना हेडन की जीत फिक्स थी।’’
  • अप्रैल को वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रह्मïण्यम स्वामी ने अमृतसर में कहा, ‘‘मैं भिंडरांवाला का दोस्त रहा हूं। उन्होंने कभी मेरे साथ बात करते हुए खालिस्तान की मांग नहीं की थी। 1984 में जो श्री हरिमंदिर साहिब में हुआ उसमें विदेशी ताकतें शामिल थीं। इसका सबूत मैं आने वाले दिनों में दूंगा। यह घटना पूर्व नियोजित थी जिसकी स्क्रिप्ट कांग्रेस ने लिखी थी।’’
  • अप्रैल को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने एक और विवादास्पद बयान दिया और युवाओं को सलाह देते हुए कहा, ‘‘बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान खोल लेनी चाहिए। वे सरकारी नौकरियों के लिए नेताओं के पीछे भागने में बहुमूल्य समय गंवा देते हैं। ऐसा करने की बजाय यदि वे पान की दुकान खोल लेतेे या गाय पाल लेते तो उनके खाते में अब तक कम से कम 5-10 लाख रुपए आ गए होते।’’ उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते के दौरान यह उनका तीसरा ऐसा बयान है। उससे पूर्व वह यह कह कर भी विवाद पैदा कर चुके हैं कि मैकेनिकल इंजीनियरों को सिविल सर्विस में नहीं जाना चाहिए।
  • अप्रैल को ही मध्य प्रदेश के कृषि राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने किसानों की आत्महत्याओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘आत्महत्या कौन नहीं करता। व्यापारी करता है... पुलिस कमिश्नर भी करता है... आत्महत्या करने वाले को ही इसका कारण पता होता है।’’

हालांकि गत 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों और विधायकों को विवादित बयान देकर मीडिया को मसाला न देने की नसीहत दी थी परंतु ऐसा दिखाई देता है कि भाजपा के नेताओं पर उनकी नसीहत का कोई असर नहीं हुआ। वे लगातार विवादास्पद बयान देकर पार्टी के लिए दुविधापूर्ण स्थिति पैदा कर रहे हैं और इसकी छवि को धूमिल कर रहे हैं। — विजय कुमार

Punjab Kesari

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