प्रदूषण से शरीर को ही नुकसान नहीं, इससे बढ़ते हैं डिप्रेशन-खुदकुशी के मामले

Friday, Dec 20, 2019 - 10:06 AM (IST)

नेशनल डेस्कः वायु प्रदूषण सिर्फ सेहत पर ही असर नहीं डालता बल्कि मानसिक तौर पर भी यह बीमार बनाता है। हाल ही में हुए एक स्टडी में भारत समेत 16 देशों के डेटा की समीक्षा की गई जिसमें यह बात सामने आई है कि जो हद से ज्यादा प्रदूषित हवा के बीच रहने वाले लोगों में डिप्रेशन और खुदकुशी करने की आशंका बढ़ जाती है।

इन्वायरनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नाम के जर्नल में प्रकाशित यह स्टडी अब तक की पहली सिस्टमैटिक स्टडी है जिसमें इस बात को साबित किया गया है कि वायु प्रदूषण और मेंटल हेल्थ समस्या के बीच कनेक्शन है। UK की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के वैज्ञानिकों ने नौ स्टडी से मिले डेटा का विश्लेषण किया है जिसमें पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5 प्रदूषण का वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी दी गई थी।

प्रदूषण से बढ़ते हैं टेंशन वाले हॉर्मोन
स्टडी में पाया गया कि जैसे-जैसे प्रदूषण का लेवल बढ़ा, वैसे-वैसे खुदकुशी की तादाद और डिप्रेशन की चपेट में आने वाले लोगों की तादाद भी बढ़ी है। स्टडी के मुताबिक हवा में मौजूद प्रदूषित कण रक्तप्रवाह और नाक दोनों के जरिए दिमाग तक पहुंचते हैं जिससे दिमाग में सूजन, तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान और टेंशन वाले हॉर्मोन बढ़ते हैं।

स्टडी के लीड ऑथर आईसोबेल ब्रैथवेट के मुताबिक इस बात के बारे में हमें पहले पता है कि प्रदूषण हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है। वायु प्रदूषण के चलते हार्ट से लेकर लंग्स तक की कई बीमारियां, स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा भी काफी अधिक रहता है लेकिन अब नई स्टडी के जरिए यह बताया गया है कि वायु प्रदूषण हमें मानसिक तौर पर भी बीमार करते हैं।

Seema Sharma

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