लोकतंत्र में रैलियों पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते: HC

Tuesday, Feb 07, 2017 - 06:32 PM (IST)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक रैलियों और मोर्चों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि ये लोकतंत्र का आंतरिक हिस्सा हैं। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को इन रैलियों के नियमन के लिए एक नीति लाने का मंगलवार को आदेश दिया ताकि इससे आम लोगों को कोई असुविधा न हो।

न्यायमूर्ति वी.एम. कनाडे और न्यायमूर्ति पी.आर. बोरा की खंडपीठ नरिमन प्वाइंट-चर्चगेट सिटीजन्स एसोसिएशन और अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान में हुए मोर्चों के चलते वे प्रभावित हुए हैं।

वर्तमान में, सभी मोर्चे और धरना आदि दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान में समाप्त होते हैं। यह इस उच्च न्यायालय द्वारा 8 दिसंबर 1997 को पारित एक आदेश के मुताबिक होता है जिसमें सभी मोर्चों को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) के निकट आजाद मैदान में संपन्न करने का निर्देश दिया गया है। पीठ को राज्य सरकार द्वारा सूचित किया गया कि इस मुद्दे को देखने के लिए एक समिति गठित की गई है और समिति बाद में दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करेगी। 

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