विभिन्न राज्यों में आरक्षण में एकरूपता लाने की मांग

Friday, Aug 10, 2018 - 05:48 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों में जाति के आधार पर आरक्षण में एकरूपता लाने की शुक्रवार को राज्यसभा में मांग की गई क्योंकि अलग-अलग प्रदेशों में जातियों की अलग-अलग सूचियां होने से लोग आरक्षण से वंचित हो जाते हैं। सदन में समाजवादी पार्टी के बिशंभर प्रसाद निषाद के निजी संकल्प पर चर्चा के दौरान सभी दलों के सदस्यों ने यह मांग की।

निषाद ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि मल्लाह कहार, मछुआरे, गोडिय़ा, केवट, धीमर, कश्यप, कोली जैसी अनेक जातियों को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग सूचियों में रखा गया है, इसके कारण कोई किसी राज्य में पिछड़ी जाति का तो कोई किसी राज्य में सामान्य वर्ग में तो कोई किसी राज्य में अनुसूचित जाति का तो कोई अनुसूचित जन जाति का है,इसके कारण वह आरक्षण से वंचित हो जाता है और उसकी नौकरी चली जाती है।

उन्होंने कहा कि वर्षों से देश भर में यह विसंगतियां चल रही हैं, इसलिए संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 को संशोधित कर इसे एक समान बनाया जाए। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राकेश सिन्हा, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, प्रदीप टम्टा और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह आदि ने भी विधेयक का समर्थन किया। कई सदस्यों ने निजी क्षेत्र में आरक्षण को लागू करने और खाली पदों को भरने की मांग की। 

shukdev

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