एलओसी के पास रहने वाली आबादी अपने गांवों में सामुदायिक बंकर बनाने की कर रही है मांग

punjabkesari.in Sunday, May 14, 2017 - 09:36 PM (IST)

नौशेरा : पाकिस्तान की आेर से लगातार गोलाबारी के चलते नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में अपना घर बार और मवेशी छोड़ कर भागने को मजबूर और फसल की कटाई करने को तैयार बाशिंदे अपने गांवों में ‘सामुदायिक बंकर’ बनाने की हिमायत कर रहे हैं। इन जोखिम भरे क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोग शाम ढलते ही दहशत में आ जाते हैं क्योंकि उनकी बस्तियों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलाबारी होने लगती है। मकानों और दुकानों की दीवारों पर मोर्टार के निशान पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिक आबादी को निशाना बना कर की जाने वाली निर्मम गोलाबारी की गवाही देता है।

पाकिस्तान सेना ने नियंत्रण रेखा से लगे नौशेरा इलाके में अग्रिम चौकियों और नागरिक आबादी वाले इलाकों मंे कल गोलाबारी की जिसमें दो नागरिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले लोग अब सामुदायिक बंकर बनाने की हिमायत कर रहे हैं ताकि वे सीमा पार से होने वाली भारी गोलाबारी से खुद को बचा सके, जिसमंे 2002 के बाद से काफी बढ़ोतरी हुई है।

मदन लाल (62) नाम के एक शस ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ अपने घर के पास बने एक भूमिगत बंकर में करीब 20 घंटे शरण ली थी जिसके बाद बुलेट प्रूफ पुलिस वाहन उन्हें वहां से नौशेरा स्थित एक शिविर में ले गया। उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा पर नौशेरा में 2002 के बाद से यह सबसे भीषण गोलाबारी है। पाकिस्तान ने खास तौर पर नागरिक इलाकों और बस्तियों को निशाना बना कर मोर्टार के सैकड़ों गोले दागे हैं। यह गोले बरसने जैसा था।

डरे सहमे दिख रहे किसान ने बताया, ‘‘हम अपना घर बार और मवेशी छोड़ कर भाग रहे हैं, जबकि फसल कटने को तैयार हैं।’’ उनकी पत्नी सुधा ने बताया कि उनके घर के पास स्थित मिट्टी के बंकर ने उनकी जान बचाई क्योंकि गोले से उनका मकान क्षतिग्रस्त हो गया। सीमा पर रहने वालों के लिए एेसे बंकर बुलेट प्रूफ जैकेट की तरह हैं। 


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