सफर के दौरान महिलाओं को फिर सताने लगा डर

Wednesday, Oct 11, 2017 - 01:09 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने मेट्रो के बढ़े हुए किराए के मसले पर मेट्रो से यात्रा करने वाली 2516 महिलाओं व लड़कियों पर सर्वे किया है। जिसमें ये सामने आया है कि 68.23 प्रतिशत महिलाएं अब मेट्रो की जगह दूसरे संसाधनों से यात्रा करने को मजबूर होंगी। इन महिलाओं से बातचीत में पता चला है कि दूसरे संसाधनों से यात्रा करने पर वो असुरक्षित महसूस करेंगी।


दरअसल, महिलाएं व लड़कियां दिल्ली मेट्रो को सुरक्षित परिवहन का साधन मानती हैं लेकिन किराया बढऩे पर उन्हें बस, टैक्सी या ऑटो से यात्रा करनी पड़ेगी, जिसमें यात्रा करना उनके लिए मेट्रो की तरह सुरक्षित नहीं होगा। डीसीडब्ल्यू के सर्वे में मेट्रो से यात्रा करने वाली 96.26 प्रतिशत महिलाओं ने बढ़े हुए किराए का विरोध किया है। जबकि 2.26 प्रतिशत महिलाओं ने बढ़े हुए किराए का समर्थन किया है और 1.47 प्रतिशत महिलाओं ने इस पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। जबकि 61.57 प्रतिशत महिलाओं ने कहा है की मेट्रो का किराया बढऩे से उनके मासिक खर्चे में बढ़ोतरी होगी। जिससे उनको काफी परेशानी होगी।

दिल्ली महिला आयोग ने अपने सर्वे के लिए आयोग की टीम को लगाया था। जिन्होंने एक दिन में अलग-अलग 36 स्टेशनों पर जाकर यह सर्वे किया है। आयोग के सर्वे में विश्वविद्यालय, जीटीबी नगर, विधानससभा, सिविल लाइन, नई दिल्ली, पटेल चौक, आरके आश्रम, राजीव चौक, सीलमपुर, शाहदरा, शास्त्री पार्क, वेलकम, मयूर विहार, मयूर विहार एक्शटेंशन, निर्माण विहार, लक्ष्मी नगर और पीतमपुरा सहित कुल 36 मेट्रो स्टेशन पर सर्वे किया है। इस मसले पर आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि दिल्ली में रोजाना 6 महिलाओं के साथ रेप होते हैं।

हर रोज महिलाओं के साथ छेडख़ानी उनकी पीछा करने शिकायते आती हैं ऐसी स्थिति में लड़कियां व महिलाएं मेट्रो को एक सुरक्षित परिवहन का साधन मानकर मेट्रो से यात्रा करती हैं। लेकिन मेट्रो का किराया बढऩे पर जैसा कि हमारे सर्वे में आया है लड़कियां व महिलाएं दूसरे संसाधानों से यात्रा करने को मजबूर होंगी। जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में मैं केंद्र सरकार से फिर से अपील करती हूं कि वे इस महिला विरोधी फैसले को वापस लें।

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