दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट में आधी रात को हुई सुनवाई, एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता देने के निर्देश

Wednesday, Feb 26, 2020 - 09:05 AM (IST)

नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर टकराव के कारण हुई हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार आधी रात को सुनवाई हुई। जस्टिस एस. मुरलीधर के घर पर हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस अनूप जे. भंभानी की पीठ ने पुलिस को इस व्यवस्था के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने का निर्देश भी दिया।

जस्टिस एस. मुरलीधर ने कहा कि मामला काफी गंभीर है और घायलों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, इसी के चलते आधी रात को इस मामले पर सुनवाई की जा रही है। पीठ ने अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें घायलों और उन्हें दिए गए उपचार के बारे में जानकारी हो। मामले पर आगे की सुनवाई आज बुधवार 2 बजकर 15 मिनट पर होगी। पीठ ने कहा कि दिल्ली के गुरु तेग बहादुर और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को भी इस आदेश की जानकारी दी जाए। अल हिंद हॉस्पिटल के डॉक्टर अनवर ने जस्टिस एस. मुरलीधरन को बताया कि अस्पताल में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 घायल हैं। डॉक्टर अनवर ने बताया कि उन्होंने पुलिस से मदद मांगी लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली।

सुनवाई के दौरान ही डीसीपी क्राइम राजेश देव ने डॉक्टर अनवर को डीसीपी ईस्ट दीपक गुप्ता का नंबर दिया। साथ ही डीसीपी क्राइम राजेश ने  डीसीपी को निर्देश दिए कि अस्पताल पहुंचकर हर संभव मदद दी जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घायलों के लिए सुरक्षित रास्तों पर पर्याप्त फोर्स की तैनाती की जाए और सभी घायलों को इमरजेंसी मदद मिले। कोर्ट ने आदेश दिए कि कोई भी अस्पताल हो सभी में घायलों का इलाज हो।

बता दें कि दिल्ली के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया। इन घटनाओं में मंगलवार तक कम से कम 13 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।

Seema Sharma

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