दिल्ली हिंसाः पूछताछ में आरोपी ताहिर हुसैन का बड़ा खुलासा , PFI के दफ्तर में रची गई थी दंगों की साजि

Sunday, Aug 02, 2020 - 09:09 PM (IST)

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ने दिल्ली पुलिस की पुछताछ में बड़ा खुलासा किया है। ताहिर ने कहा कि वो ही दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंट है। साथ ही उसने बताया कि जब मैं 2017 में आम आदमी पार्टी का पार्षद बना था, तब से ही मेरे मन में था कि मैं अब राजनीति और पैसों की बदौलत हिंदुओं को सबक सिखा सकता हूं। सरकारी कबूलनामे के मुताबिक, ताहिर हुसैन को इस काम में खालिद सैफी और पीएफआई (PFI) का पूरा साथ मिला।

ताहिर हुसैन ने कही ये बात
ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कबलू किया, 'मेरे जानकार खालिद सैफी ने कहा कि तुम्‍हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है, जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे। मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा।' उसने बताया, 'कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया। उसने बोला कि इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इसी बीच राम मंदिर के फैसले के साथ सीएए (CAA) कानून भी आ गया। अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है। अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा।'

इस तरह रची साजिश
ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, '8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने बोला कि वो मरने मारने को राजी है। वहीं, खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई का सदस्य दानिश हिंदुओं के खिलाफ जंग में हमारी पूरी फाइनेंशियल मदद करेगा।' साथ ही ताहिर ने बताया कि पीएफआई के दफ्तर में हमने प्लान बनाया, दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे, जिससे ये सरकार हिल जाए। इसके बाद वह सीएए कानून वापस ले लेंगे। खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था।
 

ताहिर हुसैन को मिला ये टास्‍क
ताहिर हुसैन ने दिल्‍ली पुलिस को बताया, 'मुझे ज्यादा से ज्यादा कांच की बोतल, पेट्रोल, तेजाब, और पत्थर इकट्ठा कर अपने घर की छत पर रखने का टास्‍क दिया गया था। इसके अलावा खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा कर धरने प्रदर्शन के लिए तैयार किया था। वहीं, खालिद सैफी ने अपनी दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू करवाया। फिर जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद 4 फरवरी को अबू फजल इंक्लेव में मेरी खालिद सैफी से दंगों की प्लानिंग को लेकर मुलाकात हुई। जबकि उमर खालिद ने कहा कि पैसों की चिंता न करें उसके लिए PFI, जामिया कार्डीनेशन कमेटी, कई राजनीतिक लोग, वकील और अन्य मुस्लिम संगठन हमारी मदद कर रहे हैं। इस दौरान तय किया कि CAA विरोधी धरने पर बैठे लोगों को भड़का कर चक्का जाम करवाया जाए। अगर पुलिस या दूसरे धर्म के लोग इसको रोकेंगे तो हम अपने लोगों को भड़का कर दंगे शुरू करवा देंगे।'

सरकार घुटने टेक दे...
ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, 'खालिद सैफी ने बोला कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की विजिट के वक्त ही कुछ बड़ा करना है, ताकि सरकार घुटने टेक दे। जबकि मैंने सैफी को बताया कि हमने कबाड़ी से शराब और कोल्डड्रिंक की खाली बोतले लेकर छत पर इकट्ठा करना शुरू कर दी हैं। वहीं, घर के पास चल रही कंस्‍ट्रक्‍शन साइट से पत्थर इकट्ठा कर छत पर रखवा रहा हूं। इसके अलावा अपनी चारों गाड़ियों में फुल पेट्रोल और डीजल भरकर ले आऊंगा ताकि बोतलों में पेट्रोल-डीजल भरकर बम की तरह उसे वक्त आने पर इस्तेमाल किया जाए। इसके साथ ही मैंने कहा कि मैं अपने मजदूरों को तैयार कर रहा हूं, ताकि वो दंगे के वक्‍त बम और पत्‍थर फेंकने का काम कर सकें।'

उमर खालिद ने की लोगों से सड़क पर उतरने की अपील
यही नहीं, ताहिर हुसैन ने आगे बताया कि 17 फरवरी 2020 को उमर खालिद ने ट्रम्प की विजिट के दौरान लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी। उस वक्‍त मुझे तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था ताकि उसे पुलिस पर फेंका जा सके। मैंने अपनी छत पर बहुत तादात में तेजाब, पेट्रोल, डीजल और पत्थरों को भी इकट्ठा कर रख लिया था। वहीं, मैंने अपनी पिस्टल जो थाने में जमा थी उसे भी दंगो में इस्तेमाल करने के लिए छुड़ा लिया था।

पहले से लोगों को दी ट्रेनिंग
आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने बताया कि 24 फरवरी 2020 को योजना के मुताबिक, मैंने पहले से ही अपने घर की छत पर पड़ोसी के चांद बाग में रहने वाले अरशद कय्यूम, मोनू, अपने दफ़्तर के पास रहने वाले गुलफाम (जिसके पास अपनी पिस्टल भी थी), शरद अहमद हाजी, मूंगा नगर के लियाकत अली उसके बेटे रिशाद अली, दयालपुर के मोहम्मद रियान अरशद और अपने यहां काम करने वाले इलेक्ट्रिशयन मोहम्मद आबादी, अकाउंटेंट मोहम्मद शादाब और राशिद सैफी के अलावा अब अपने भाई शाह आलम को बुला रखा था। इन लोगों को ये भी बताया था कि कैसे और कब पत्थर, पेट्रोल बम और बोलतो में तेजाब भरकर छत से नीचे फेंकना है। वहीं, साफ हिदायत दी थी कि इस सामान का इस्तेमाल केवल पुलिसवालों और दूसरे समुदाय के लोगों के खिलाफ करना है। वहीं, इससे अपने समुदाय के लोगों, महिलाओं और बच्चों को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए।

फिर शुरू हुआ दंगा...
ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, उसी दिन (24 फरवरी 2020) करीब डेढ़ बजे हमने खूब पत्‍थरबाजी और आगजनी करवाई। जानबूझकर मैंने अपने घर के बाहर और छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिए थे, ताकि कोई सबूत न रहे। वहीं, मैंने अपने बच्‍चों समेत पूरे परिवार को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था और खुद भी दूसरी जगह था। ताहिर हुसैन ने आगे कहा कि वह खालिद सैफी के कहने पर जानबूझकर पुलिस को बार बार फोन कर रहा था, ताकि उस पर शक न जाए। वहीं, मैंने और मेरे भाई शाह आलम के साथ एक अन्‍य ने मेरी छत से फायरिंग भी की थी। इसके बाद मैं अलग-अलग जगह छिपता रहा, लेकिन बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। साथ ही बताया कि खालिद सैफी और उमर खालिद के साथ-साथ मैंने अपने जानकारों को साथ लेकर दिल्‍ली दंगे की साजिश रची थी।

बहरहाल, ताहिर हुसैन दिल्‍ली दंगों के 10 अहम आरोपियों में शामिल है और फिलहाल जेल में बन्द है। इसके अलावा खालिद सैफी भी जेल में है। जबकि उमर खालिद से शनिवार को ही दिल्ली पुलिस ने दंगों को लेकर कड़ी पूछताछ की है और उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है।

Yaspal

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