26 जनवरी को घायल हुए पुलिस के जवानों से मिले अमित शाह, बोले- हमें आप पर गर्व
Thursday, Jan 28, 2021 - 12:47 PM (IST)
नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड' के दौरान हुई हिंसक झड़प में दिल्ली पुलिस के कई जवान घायल हुए। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंकर घायल पुलिसकर्मियों का हाल जाना और उनसे बातचीत की। वह सबसे पहले सिविल लाइंस के सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने सिविल लाइन के तीरथराम शाह अस्पताल पहुंचकर पुलिस कर्मियों से मुलाकात की।
Meeting the injured Delhi Police personnel. We are proud of their courage and bravery. https://t.co/7ooTwEf06x
— Amit Shah (@AmitShah) January 28, 2021
गृहमंत्री ने ली थी कानून-व्यवस्था की समीक्षा
वहीं इससे एक दिन पहले अमित शाह ने सुरक्षा हालात और शहर में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा, हंगामे और तोड़-फोड़ आदि की पृष्ठभूमि में गृहमंत्री ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की थी। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गृह मंत्रालय तथा दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय राजधानी में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में शाह को जानकारी दी गई थी।
हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा: पुलिस
वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकलने को लेकर किसानों संगठनों ने नियम शर्तों का उल्लंघन किया, इस हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों के द्वारा की गई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ का अस्पताल में इलाज चल रहा है और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी भर्ती हैं। पुलिस ने अब तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
किसान संगठनों ने अपने वायदे को पूरा नहीं किया: पुलिस
पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस के दिन रैली को टालने के लिए निरंतर समझाया गया और इसके लिए उनके साथ पांच दौर की बातचीत भी की गई। रैली के लिए कुछ नियम और शर्तों पर सहमति और लिखित आश्वासन देने बाद अनुमति दी गई लेकिन किसान संगठनों ने अपने वायदे को पूरा नहीं किया। यहां तक की कुछ किसान नेताओं शांति बनाकर रैली निकलने की बजाय भड़काऊ भाषण दिये और हिंसा के लिए उकसाया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसानों की आक्रमता के बावजूद पुलिस ने अधिकतम संयम का परिचय दिया और जिम्मेदारी के साथ काम किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।