दिल्ली में सीलिंग पर सख्त SC , क्या अधिकारी सोये हुए हैं, या अपनी आंखे मूंदे हुए हैं?

Wednesday, Jul 18, 2018 - 10:06 PM (IST)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण धडल्ले से होने देने को लेकर बुधवार को अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि क्या अधिकारी सोये हुए हैं , या अपनी आंखें मूंदे हुए हैं? न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की सदस्यता वाली एक पीठ ने केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल के पेश होने के बाद यह बात कही।

दरअसल , वेणुगोपाल ने न्यायालय को बताया कि दिल्ली में परिसरों की सील हटाने के लिए अधिकारियों को 1,130 आवेदन प्राप्त हुए। अनधिकृत निर्माण को लेकर इन परिसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि इन आवेदनों पर विचार करने के बाद 405 ढांचों की सील हटा दी गई। पीठ ने कहा , ‘आप अधिकारी क्या कर रहे हैं ? आप कह रहे हैं कि 405 मामलों में , कोई अनधिकृत निर्माण नहीं पाया गया। शेष 700 मामलों का क्या? क्या आप लोग ... अधिकारी सो रहे हैं। ’

दिल्ली में लगभग 695 किमी सड़क पर अतिक्रमण 
न्यायालय ने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा दाखिल एक हलफनामे का जिक्र किया। दिल्ली में अवैध निर्माण पर कानून के प्रवर्तन की निगरानी के लिए न्यायालय के आदेश के बाद एसटीएफ का गठन 25 अप्रैल को किया गया था। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में लगभग 695 किमी सड़क पर अतिक्रमण है। अटार्नी जनरल ने कहा कि दिल्ली में दशकों से अतिक्रमण हो रहा है। पीठ ने कहा , ‘यह सब हो रहा है। आप अधिकारी अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। ’

न्यायालय ने कहा कि यह कहना एक चीज है कि दिल्ली के लोगों को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के बारे में सूचना देनी चाहिए। वहीं , यह कहना दूसरी चीज है कि अधिकारी सो रहे हैं , उन्हें जागना चाहिए। दिल्ली के लोग आपको किस हद तक बताएंगे। इस बीच , न्यायालय की न्यायमित्र के तौर पर सहायता कर रहे एक अधिवक्ता ने कहा कि एमसीडी इंजीनियरों के फोरम ने शिकायत की है कि उन्हें पार्षद कथित तौर पर धमकी दे रहे हैं।

सीलिंग अभियान करने वाले अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश
पीठ ने वेणुगोपाल से पूछा , ‘क्या उन्होंने इन नेताओं की पहचान की है। यदि नेता ऐसा कर रहे हैं तो आप क्या करने वाले हैं? ’ इस बीच , पीठ ने सीङ्क्षलग अभियान करने वाले अधिकारियों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी कहा कि अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं और हर कोई अपना पल्ला झाडऩा चाहता है। पीठ ने कहा कि किसी परिसर में अनधिकृत निर्माण पाए जाने के बाद वहां निर्माण कार्य फौरन रोक दिया जाना चाहिए। 

Punjab Kesari

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