नए साल का जश्न सांसों पर पड़ा भारी, दिल्ली की हवा हुई बेहद जहरीली

Tuesday, Jan 01, 2019 - 12:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नए साल के पहले दिन भी दिल्लीवासी दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर हुए। नववर्ष में आतिशबाजी से दिल्ली-एनसीआर की गुणवत्ता और खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर 420 रहा जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। पड़ोसी शहर गाजियाबाद का स्तर 431, फरीदाबाद का स्तर 401, नोएडा का स्तर 422, ग्रेटर नोएडा का स्तर 442 व गुरुग्राम का स्तर 438 रहा। बोर्ड के अनुसार दिल्ली के 27 इलाकों में प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ रही, जबकि 7 जगहों पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही। सीपीसीबी के अधिकारिकारियों की मानें तो दिल्ली में अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 का स्तर 328 रहा, जबकि पीएम 10 का स्तर 488 दर्ज किया गया। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक पश्चिम से नम हवा के आने से इस क्रम में स्थिति और खराब हो सकती है और स्थानीय तौर पर खुले में आग जलाने, आतिशबाजी आदि से हवा और जहरीली होगी। हवाओं की रफ्तार धीमी रहने से वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने का अनुमान है। 

सोमवार को दर्ज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)

  • दिल्ली का औसत एक्यूआई 420 रहा
  • गाजियाबाद का स्तर 431 रहा
  • फरीदाबाद का स्तर 401 मापा गया
  • राजधानी से सटे नोएडा में  यह स्तर 422 दर्ज किया गया
  • ग्रेटर नोएडा का स्तर 442 व गुरुग्राम का स्तर 438 रहा।


कैसे थमेगा प्रदूषण?
इमरान हुसैन के निर्देश के बावजूद स्थानीय प्रशासन प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई करने में कोताही बरत रहा है। बुराड़ी इलाके में चल रहे रेडीमिक्स कंक्रीट प्लांट में पर्यावरण नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। बुराड़ी इलाके के रिहायशी इलाकों में रहने वालों ने इससे अस्थमा जैसी बीमारी की चपेट में आने की शिकायत दिल्ली सरकार से की है। पर्यावरण मंत्री ने सोमवार को मुकुंदपुर चौक पहुंचकर एक बार फिर जांच की और स्थानीय प्रशासन को सीआरपीसी की धारा-151 के तहत रेडीमिक्स कंक्रीट प्लांट आपरेटरों को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया। स्थानीय जनता की शिकायत पर पर्यावरण मंत्री ने सबसे पहले अक्तूबर माह में बुराड़ी इलाके में चल रही 3 रेडीमिक्स कंक्रीट प्लांट का औचक निरीक्षण किया था। तीनों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। 


मॉडल टाउन एसडीएम को इनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए लेकिन आज जब पर्यावरण मंत्री ने दोबारा औचक निरीक्षण किया तो पाया कि स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सूत्र बताते हैं कि स्थानीय प्रशासन ने मंत्री के आदेश के बावजूद पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले प्लांटों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। अब तक न तो जुर्माना वसूला गया और न ही रेडीमिक्स कंक्रीट प्लांट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कोई उपाय किए गए। नाराज पर्यावरण मंत्री ने तीनों प्लांट को सीज करने और बिजली कनैक्शन काटने के निर्देश दिए हैं। रिहायशी इलाकों में रहने वाले  धूल की वजह से अस्थमा के शिकार हो रहे हैं। 


दीपावली और क्रिसमस भी प्रदूषण में बीता
पर्यावरणविदें के मुताबिक, दीपावली और क्रिसमस के दिन भी हवा प्रदूषित थी। अब नए साल के अवसर पर भी वातावरण जहरीला है। दिल्लीवासी नए साल का स्वागत करने में जुट गए हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर है। सीपीसीबी के अनुसार 2018 ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के लिहाज से 2017 से दोगुना बुरा रहा। 2018 में 18 गंभीर वायु गुणवत्ता दिवस रिकॉर्ड किए गए, जबकि पिछले साल यह संख्या नौ थी। दिल्लीवासियों का कहना है कि यह साल गंभीर, बहुत खराब और खराब वायु गुणवत्ता दिवसों में गुजरता जान पड़ा। बच्चे और बूढ़े घरों में कैद रहे, लोग सुबह में देर से टहलने गए। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्लीवासियों ने 2018 में 3 महीने से अधिक समय तक जहरीली हवा सांस में ली। बदनीयती ये है कि साल दर साल समस्या बढ़ती जा रही है।
 

vasudha

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