दिल्लीः जामिया के 50 छात्रों की रिहाई के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन, सभी मेट्रो स्टेशन खुले

Monday, Dec 16, 2019 - 08:55 AM (IST)

नेशनल डेस्कः नागरिकता (संशोधन) कानून पर रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में हुई हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया। छात्रों के रिहा होने के बाद पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी ने अपना धरना भी खत्म कर दिया है जिसके बाद अब हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। वहीं जामिया प्रशासन ने 5 जनवरी तक छुट्टी का ऐलान किया है जिसके चलते छात्र कैंपस खाली करके अपने घरों को लौट रहे हैं। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एम.एस. रंधावा ने जानकारी देते हुए बताया कि 50 में से 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस स्टेशन से, जबकि 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन से रिहा किया गया है।

सभी मेट्रो स्टेशनों के गेट खुले, आवाजाही सामान्य
छात्रों के धरना खत्म करने के बाद हालात के काबू होने पर दिल्ली में सभी मेट्रो स्टेशन के गेट खोल दिए गए हैं और लोगों की आवाजाही सामान्य है। रविवार शाम हिंसक प्रदर्शनको देखते हुए मेट्रो के सभी गेट बंद कर दिए गए थे ताकि प्रदर्शनकारी यहां उत्पात न मचा सकें।

प्रदर्शनकारियों ने जमकर मचाया तांडव
नागरिकता कानून पर छात्रों ने जमकर तांडव मचाया।छात्रों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान यह बवाल हुआ। हालांकि, जामिया छात्र संघ ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग कर लिया है।

छात्रों के समूह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में ‘कुछ खास तत्व' शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘बाधित' किया। शाम को बाद में जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के छात्रों ने जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ मध्य दिल्ली में पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और यह गतिरोध रात तक चलता रहा। हिंसा और दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन बंद होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

पुलिस पर किया गया पथराव
पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) चिन्मॉय बिस्वाल ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान चार बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया गया। उन्होंने कहा कि इसमें छह पुलिसकर्मी घायल हुए है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अंदर से पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया और ‘‘हिंसक भीड़'' को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। वहीं, इस घटना पर राजनीति भी जमकर शुरू हो गई। कांग्रेस ने रात 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया। रात 12 बजे के करीब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे। वहीं, जामिया में हुई झड़प में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

Seema Sharma

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